क्वालिटी सेल सहित सात बेहतरीन अधीक्षक हुए सम्मानित, मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर हुआ मंथन
गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजनकिया गया। जिसमें जिला क्वालिटी सेल समेत हाल ही में कायाकल्प अवार्ड जीतने वाले जिले के सभी सात सीएचसी के अधीक्षकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता व गैप्स पर भी मंथन किया गया। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, मंत्रा एप पर फीडिंग, ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों के एडॉप्शन और छाया वीएचएसएनडी को मजबूती प्रदान करने के बारे में भी विशेष तौर पर चर्चा हुई। नियमित टीकाकरण सम्बन्धित विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ संस्थाओं के फीडबैक के आधार पर सीडीओ ने दिशा निर्देश दिया कि समुदाय में इस संदेश को प्रचारित व प्रसारित करें कि बच्चे के जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी है। यह टीके बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। सत्र व सत्र स्थल की अग्रिम सूचना आशा कार्यकर्ता द्वारा सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचाई जाए। इसके अलावा मंत्रा एप पर प्रसव कक्ष से ही कम से कम 95 फीसदी फीडिंग अवश्य हो। इस मौके पर क्वालिटी सेल के जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक विजय श्रीवास्तव, सीएचसी अधीक्षकों में डॉ अश्वनी चौरसिया, डॉ मनीष चौरसिया, डॉ एसके मिश्रा, डॉ सतीश सिंह, डॉ बृजेश बरनवाल, डॉ मणि शेखर व डॉ व्यास कुशवाहा रहे। उनके अलावा डॉ जय कुमार, डॉ अंबुज श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ नंद कुमार, डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डीएमओ अंगद सिंह, डिप्टी डीटीओ डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डैम पवन कुमार, जेई एईएस कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, डीपीसी धर्मवीर प्रताप, हॉस्पिटल मैनेजर डॉ मुकुल, डॉ कमलेश, आदिल फखर आदि रहे। अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने की।