हर जीव का हमेशा मंगल चाहते हैं संत, खुद कष्ट सहकर औरों की करते हैं मदद - व्यास जगदीश





जखनियां। क्षेत्र के परसपुर बुढ़ानपुर में काली मां मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन प्रयागराज से आए व्यास जगदीश आचार्य राजपुरी ने प्रवचन किया। कहा कि बड़े भाग्य से मानव जीवन मिलता है। कहा कि मानव जीवन में सत्संग की प्रधानता है। कहा कि संत दोस्त और दुश्मन दोनों के मंगल कारक हैं तथा सदैव उनके मंगल भविष्य की कामना करते रहते हैं। कहा कि संत की कोई जाति नहीं होती। निष्काम भाव से धरा पर इनका पदार्पण होता है। कहा कि संत खुद कष्ट में रहकर भी दूसरों की भलाई की इच्छा रखते हैं। कहा कि संत-असंत दोनों की बातों को सहन करते हुए अच्छे समाज की रचना के लिए मार्गदर्शक बनकर संत जीव कल्याण की बातें जगह-जगह पर प्रवचन के दौरान कहते रहते हैं। इस मौके पर हरिशंकर पांडे, सरवानंद पांडे, राधेश्याम जायसवाल, उपेन्द्र, ग्राम प्रधान काकू सिंह आदि रहे। मृदंग पर रामलाल शर्मा तथा हारमोनियम पर अनिल यादव ने संगत दी।



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