ओडीएफ के बावजूद खुले में शौच जाने को लेकर आया अधिकारियों का ये बयान



सैदपुर, गाजीपुर। कई गांवों के ओडीएफ होने के बावजूद लोगों द्वारा खुले में शौच जाने की शिकायत मिली है। ऐसे में सरकार की खुले में शौच जाने की मंशा धूमिल होती नजर आए इससे पहले ही अधिकारियों ने इसकी सफाई पेश कर शासन के साथ ही अपने विभागों की किरकिरी होने से बचा लिया।



ब्लाक क्षेत्र के कई गांवों को ओडीएफ किया जा चुका है लेकिन कुछ लोगों का आरोप है कि ओडीएफ घोषित कर लक्ष्य को पूरा दिखाने की जल्दी में विभाग द्वारा बिना पर्याप्त सर्वे किए ही गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। इस बाबत जब खंड विकास अधिकारी पवन सिंह ने पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर तक पूरे ब्लाक को किन दशाओं में ओडीएफ घोषित करना है इसकी पर्याप्त जानकारी अब भी लोगों में नहीं है। बताया कि वर्ष 2011 में हुई बेसलाइन सर्वे में जिन लोगों को खुले में शौच युक्त पाया गया था, वर्तमान में सिर्फ उन्हीं लोगों को ओडीएफ के अंतर्गत रखा गया है। बताया कि उसके बाद कई ऐसे लोगों का पता चला जो 2011 की सूची के आधार पर चल रहे वर्तमान ओडीएफ कार्यक्रम में नहीं शामिल हैं। अब ऐसे में ओडीएफ किए गए गांव में उन परिवारों को ओडीएफ का मानक बनाया गया जो 2011 की सूची में शामिल थे और ऐसे ज्यादात लोगों के लिए शौचालय बनाए जा चुके हैं। कई गांवों में धनराशि की समस्या आ रही है तो उसके लिए जिला मुख्यालय से रूपए की मांग की गई है। जैसे जैसे राशि मिल रही है निर्माण कराया जा रहा है। बताया कि जो परिवार 2011 की सूची से छूट गए थे उनके लिए 2 अक्टूबर के बाद से शासन द्वारा ओडीएफ प्लस कार्यक्रम चलाने की योजना पर विचार चल रहा है। अगर योजना मूर्त रूप लेती है तो ओडीएफ प्लस के तहत वर्तमान के हर उस परिवार को भी खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा जो ओडीएफ कार्यक्रम में छूट गए थे। वहीं कुछ लाभार्थियों द्वारा शौचालय बनवाने के बावजूद खुले में शौच जाने की शिकायत पर कहा कि ऐसे लोगों को ग्राम पंचायत स्तर से चिह्नित कर उनपर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया जाएगा।



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