आवारा पशुओं से किसानों के माथे पर बल, ठिठुरती सर्दी में करनी पड़ रही खेतों की रखवाली, सफेद हाथी साबित हो रहे गोशाला
नंदगंज। क्षेत्र में छुट्टा पशुओं से किसान परेशान हैं। ठिठुरन भरी सर्द हवाओं के बीच किसान अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं, बावजूद इसके किसानों को राहत नहीं मिल पा रही है। जिसमें नंदगंज, बरहपुर, दवोपुर, लखमीपुर, रामपुर बन्तरा, इशोपुर आदि गांवों के किसान इन छुट्टा पशुओं से बहुत त्रस्त है। छुट्टा पशु खड़ी फसलों को देखते ही देखते चट कर जा रहे हैं। इस समय गेहूं और सरसों की फसल किसानों ने खेतों में बोई है लेकिन आवारा पशु बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सर्दी कोहरे के मौसम में किसान अपने खेतों में अलाव जलाकर रात में फसलों की रखवाली को बाध्य हैं। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल दर्जनों की संख्या में छुट्टा पशु खेतों में घुसकर नष्ट कर रहे हैं। जहां एक बीघा में 6 क्विंटल गेंहू होता था वहीं अबकी आधी पैदावार का अनुमान है। ऐसे में किसानों को फसलों की लागत भी नहीं मिल पाएगी। हालांकि प्रदेश सरकार ने छुट्टा पशुओं के लिए जगह जगह गौशाला बनवाया है लेकिन छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात नहीं मिल रही है। मुख्य बाजार सहित विभिन्न ग्रामीण इलाको में इन पशुओं को घूमते हुए देखा जा सकता है। बाजार में इनके आपस में लड़ते रहने से अक्सर सड़क पर भगदड़ की स्थित बन जाती है। जिसकी जद में आकर कई पदयात्री व बाइकर्स भी घायल हो चुके हैं। कभी कभार इन पशुओं के बीच सड़क पर खड़ा हो जाने से यातायात व्यवस्था भी बाधित हो रही है। जहां रात में मुख्य मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है, वहीं सुबह बच्चों को स्कूल भेजने में अभिभावक डरते रहते हैं। गो आश्रय केंद्र भी सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। क्षेत्रीय किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट कराया है।