खानपुर क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में फिर शुरू हुआ धर्मांतरण का खेल, घर-घर घूम रहे कई जनपदों व राज्यों से आए कथित पास्टर
खानपुर। काफी समय तक बंद रहने के बाद अब एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में धर्मातांतरण का खेल बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। खानपुर क्षेत्र के बभनौली, बैरहिया, हथौड़ा, खानपुर, अलिमापुर, खरौना जैसे दर्जनभर गांवों के गरीब व अनुसूचित जाति के लोगों को लालच एवं भय दिखाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। खुद को मिशनरी का पास्टर बताने वाले लोग मूर्ति पूजा को बंद करने, हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने और महिलाओं को उपवास व्रत से दूरी जैसे संदेश दे रहे हैं। यीशु की शरण में आने पर बीमारी दूर होने, भूत प्रेत भाग जाने सहित आर्थिक सहयोग का प्रलोभन दिया जाता है। प्रत्येक रविवार और गुरुवार को निश्चित जगहों पर आयोजित होने वाली इन प्रार्थना सभाओं में महिलाओं को पति के मारपीट और शराब से मुक्ति के लिए क्रॉस पहनने को दिया जाता है। प्रार्थना सभा में पहुचे लोगों का पहले यीशु पर भरोसा जताया जाता है, इसके बाद अपने घरों से देवी देवताओं की तस्वीरें, फोटो, कैलेंडर, मूर्तियां आदि को बाहर निकालने का फरमान सुनाया जाता है। मंदिर, मूर्ति, पूजा पाठ, पंडित, साधु संतों से दूरी बनाने को प्राथमिकता के आधार पर रखने की शपथ दिलाई जाती है। हिंदुओं द्वारा किए जाने वाले कर्मकांड को आडंबर और अंधविश्वास कहकर उससे दूर रहने को कहा जाता है। इन मिशनरी प्रार्थनासभाओं में एक बार आने के बाद मिशनरियों को छोड़ने या अन्य धर्म अपनाने पर अनर्थ और भारी नुकसान भुगतने की चेतावनी दी जाती है। गैर जनपद एवं राज्यों से ये कई कथित पास्टर आकर यहां गांव-गांव घूमकर ईसाई मिशनरी का प्रचार प्रसार करने में जुटे हुए हैं। इस बाबत विश्व हिंदू परिषद के जिला संरक्षक देवव्रत चौबे ने कहा कि हम लोग जनजातीय और दलित इलाकों में शिक्षा संस्कृति की अलख जगाते हैं और उन्हें अन्य धार्मिक कुचक्रों से बचाने के लिए जागरूक भी करते हैं। कहा कि ईसाई मिशनरियों के सक्रिय होने की सूचना है जल्द ही प्रशासनिक मदद से इन अवैध धर्मांतरण केंद्रों पर कार्यवाही कराई जाएगी। वहीं धर्म रक्षा के जिला प्रमुख हरिनारायण पांडेय ने कहा कि सभी अवैध धर्मांतरण केंद्रों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। जिसे पुलिस प्रशासन की मदद से बंद कराया जाएगा।