डेंगू मच्छर के डंक ने बकरी पालन उद्योग को दी संजीवनी, बेजारी के जीवन से सीधे वीआईपी बन गई बकरियां
खानपुर। इस समय वायरल बुखार डेंगू के बढ़ते प्रकोप से लोग दहशत में है। डाक्टरों से परामर्श लेकर लोग स्वयं को स्वस्थ रखने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। डेंगू संक्रमित मरीज के स्वजन बकरी के दूध की उपलब्धता को लेकर गांव के बस्तियों की खाक छान रहे है। डेंगू के डंक ने अचानक से बकरी पालन उद्योग को संजीवनी प्रदान कर दिया है। जिस बकरी के दूध को एक समय कोई पूछने वाला नहीं था, आज इतनी डिमांड बढ़ गई है कि लोग 200 से 300 रुपये लीटर की कीमत पर खरीद रहे है। माना जाता है कि प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बकरी का दूध फायदेमंद साबित हो रहा है। लोगों का मानना है कि बकरी के दूध, कीवी फल और कच्चा पपीता के सेवन से डेंगू पीड़ितों का प्लेटलेट बढ़ने लगता है। बाजारों के करीब बसे गांव के बकरी पालक अपने दूध को महंगी कीमत पर बेच रहे है। बाजारों से दूर गांव की बस्तियों में निकलने वाले बकरी के दूध को दुग्ध व्यापारी सामान्य दामों में खरीदकर महंगे दामों में ले जाकर वाराणसी दुग्ध मंडी में बेच रहे है। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के लगातार मरीज सामने आ रहे है। इससे बचने के लिए लोग अपने घरों में साफ सफाई की व्यवस्था करें, सादा भोजन के साथ शुद्ध पानी एवं नारियल पानी का सेवन ज्यादा करें। डेंगू संक्रमण मरीज के लिवर और गॉल ब्लैडर पर ज्यादा प्रभाव डालता है इसलिए पानी में इलेक्ट्रोल डाल कर पीना ज्यादा फायदेमंद है।