जीव को आध्यात्म से जोड़ता है श्रीमद् भागवत कथा, अनुकरण से होता है लाभ - व्यास





जखनियां। जीव को अध्यात्म से जोड़ने तथा अपने पूर्वजों को स्वर्ग की ओर ले जाने का मार्ग है श्रीमद् भागवत कथा। इस कथा के श्रवण से लाभ इसके अनुकरण से ही होता है। उक्त बातें क्षेत्र के परसपुर गांव में अतरदेव पांडे द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रयाग से आए व्यास आशुतोष पांडे ने कहीं। उन्होंने भगवान बाराह अवतार समेत ऋषि कपिल मुनि संवाद आदि का वर्णन किया। कहा कि मरणोपरांत जीव 84 हजार योनियों में भटकता है। जीवन के पूर्व कर्म करने की घोषणा तो करता है परंतु पृथ्वी पर आने के पश्चात उन्हें भूल जाता है। जिसके बाद जीव को भुगतना पड़ता है। इस दौरान उन्होंने सती अनुसूइया, दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शिव का तिरस्कार, ब्राह्मणों द्वारा नंदीश्वर का श्राप आदि का वाचन किया। इस मौके पर अत्रदेव पांडे, सुभावती देवी, अनुराग पांडे, अनिल चौरसिया, राधेश्याम जायसवाल आदि रहे।



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