खानपुर : भगवान चित्रगुप्त की जयंती पर जगह-जगह हुए आयोजन, धार्मिक रीति-रिवाजों से पूजे गए श्री चित्रगुप्त





खानपुर। कायस्थ समाज के लोगों ने गुरुवार को श्री चित्रगुप्त महाराज का पूजा अर्चना कर मंगल कामना का वरदान मांगा। लोग अपने अपने घरों में चित्र और प्रतिमाएं स्थापित कर बड़े श्रद्धा भाव से चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना की। कायस्थ समाज के लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलम, दवात, कॉपी व पुस्तक की पूजा की। अमेहता के अशोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रह्माजी संसार की रचना के बाद सकल सृष्टि की देखरेख एवं लेखा जोखा रखने के लिए चिंतातुर हो गए। कोई उपाय न देख वो 12 हजार वर्ष की अखंड समाधि में लीन हो गए। इसके बाद उनकी काया से एक तेजस्वी बालक का जन्म हुआ, जिनका नाम ब्रह्माजी ने कायस्थ रखा और कहा कि समस्त जीवों के कर्मों का लेखा जोखा रखना ही तुम्हारा दायित्व है। चित्रगुप्त के बही खाता में प्रत्येक जीव के पाप-पुण्य का हिसाब लिखा रहता है। जिसके आधार पर यमराज भी निर्णय लेते है। एक दिव्य देव शक्ति जो चित्त के अन्तः करण में चित्रित चित्रों को पढ़ती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति के जीवन को नियमित करती है। अच्छे बुरे कर्मो का फल भोग प्रदान कर न्याय करती है। उसी दिव्य देव शक्ति का नाम चित्रगुप्त है।



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