श्रीमद् भागवत कथा में समुद्र मंथन कथा का हुआ वाचन, संगीतमय ज्ञान यज्ञ सुन भाव विह्वल हुए श्रोता
नंदगंज। कस्बा स्थित साईनाथ वाटिका में चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन स्वामी अमरेश्वरानंद महाराज ने समुद्र मंथन कथा का वाचन किया। कहा कि जैसे देव और दानव ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो उस समय अनेकों रत्न जिसमें हलाहल विष के अलावा अमृत, अश्व, हाथी, भाला आदि मिले। ठीक वैसे ही मानव के जीवन में भी एक मंथन होता है। जिसमें सकारात्मक और नकारात्मक विचारों का चिन्तन चलता है। मन को स्थिर तथा अंकुश में रखने के उपरान्त जीवन मे भक्ति का आगमन होता है। कहा कि यह सब सद्गुरु कृपा से ही भक्त को प्राप्त होता है। इस दौरान भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की सजीव दिव्य झाँकी देखकर भक्त एवं श्रद्धालु भाव विह्वल हो गये। पूरा क्षेत्र ‘जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी’ से गुंजायमान हो उठा।