सरकार के नए नियम के चलते 1 अक्टूबर से भूखे पेट घर जा रहे बच्चे, नहीं बन रहा एमडीएम का भोजन


जखनियां। क्षेत्र के बारोडीह स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में बीते 1 अक्टूबर से ही करीब 250 बच्चों का एमडीएम भोजन नहीं बनने से छात्र-छात्राएं पठन-पाठन के बाद भूखे पेट घर वापस जाने को विवश हैं। विद्यालय में 250 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। जिनके लिए भोजन बनाने के लिए पूर्व में पांच रसोईयां भी कार्य करती रहीं। परंतु नए शासनादेश के अनुसार 200 से 300 छात्र संख्या पर 4 रसोइयों को ही भोजन बनाने का प्रस्ताव है। एक अक्टूबर से नए नियमानुसार रसोइयों का नवीनीकरण भी नहीं किया गया और न ही नए के लिए प्रक्रिया पूरी की गयी। जिसके चलते पुरानी रसोईयां विद्यालय आकर भी वापस चली जा रही हैं। पुरानी व नयी के बीच में बच्चों को भूखे पेट घर वापस जाना पड़ रहा है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक कमलेश राम ने बताया कि पूर्व में पांच रसोईया भोजन बनाती रही हैं। वर्तमान में चार की जरूरत है। नई व्यवस्था के तहत 28 सितंबर तक नया फार्म जमा करने की अंतिम तिथि तक दो फार्म ही विद्यालय पर जमा हैं। खंड शिक्षा अधिकारी नीलेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि मानक के अनुसार पुराने का चयन किया जाना है। जहां कम संख्या है, वहां नया फार्म भरकर जमा करना होगा। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धुरंधर गिरी ने बताया कि विद्यालय आए छात्रों को भोजन मिलना जरूरी है। जबकि विद्यालय पर खाद्यान्न से लेकर सभी व्यवस्था होने के बाद भी बच्चों का भूखे पेट वापस जाना न्याय संगत नहीं है। विद्यालय के छात्र वरुण गिरी, कर्मवीर गिरी, दीपक गिरी, अभिषेक गिरी आदि ने बताया कि हम लोगों को भूखे पेट वापस जाना पड़ रहा है। साथ ही विद्यालय में खेल के सभी सामान होने के बाद भी हम लोगों को बैडमिंटन, वॉलीबाल, कैरम बोर्ड सहित कोई भी उपकरण खेलने के लिए नहीं मिल पाता।