आजमगढ़ के आखिरी गांव तक आता है पानी, जखनियां के किसानों के लिए अभिशाप बना शारदा सहायक खंड 23 का रजवाहा
जखनियां। क्षेत्र के प्रमुख नहर शारदा सहायक खंड 23 के राजवाहे में पानी नहीं आने से खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। लोगों का कहना है कि जब पानी की जरूरत होती है तो पानी नहीं आता और जरूरत समाप्त होने पर नहर में आवश्यकता से अधिक पानी आने से खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है। जिससे यह नहर क्षेत्र के किसानों के लिए अभिशाप साबित होती जा रही है। किसानों की धान की खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसानों के सामने फसल बचाने का अब एकमात्र सहारा बारिश का पानी ही है। बारिश होने पर धान की खेती हो पाती है। अगर बारिश भी न हो तो संपन्न किसान तो वैकल्पिक साधनों से फसल बचा लेते हैं लेकिन गरीब किसानों की फसल चौपट हो जाती है। आजमगढ के ठेकमा राजवाहा से निकलकर 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ये नहर आजमगढ़ की सीमा से जखनियां तक आती है। विडंबना यह है कि इस नहर में आजमगढ़ की सीमा पर बसे कंचनपुर तक तो पानी आता है लेकिन जैसे ही गाजीपुर जनपद की सीमा शुरू होती है, नहर में पानी नहीं आता। जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांव माखनपुर, सदरजहांपुर, शाहापुर, ऐमावंशी, रामवन, भुडकुडा आदि गांवों की हजारों एकड़ फसल पानी के अभाव में सूख जाती है। इस नहर की खुदाई के समय जो सरकारी नलकूप लगाये गये थे, उन्हें भी सिंचाई विभाग द्वारा उखाड़ लिया गया। नहर की सफाई के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं और रूपयों का गबन करने के लिए नहर के अंदर उगी घास की सफाई कर सफाई पूरी कर दी जाती है। इस बाबत भाजपा नेता अवधेश यति, रमाकर पांडे, शंभू राम, अभय सिंह, शिवबदन यादव आदि ने नहर में क्षमता के अनुसार पानी छोड़ने की मांग की है।