अब अभेद नहीं रहा साइबर अपराधियों का किला, पहली बार 10 खाताधारकों के खातों में वापिस कराए गए ढाई लाख रूपए
गाजीपुर। आएदिन खबर आती है कि लोगों के खातों से साइबर अपराधियों ने लाखों रूपए गायब कर दिए। अब तक ऐसा होता रहा है कि खातों से गायब रूपयों को लेकर न तो पुलिस सक्रिय होती थी और न ही बैंक। लेकिन अब गाजीपुर में ये रवायत बदल गई है। गाजीपुर के एसपी रोहन पी. बोत्रे ने जिले में चार्ज लेने के बाद अपराध के कई क्षेत्रों के साथ ही साइबर अपराध से जुड़ी इस महत्वपूर्ण व बड़ी घटना पर भी संज्ञान लिया है और इसमें जुड़कर उन्होंने जिले के 10 पीड़ित खाताधारकों के खाते से गायब हुई 2 लाख 49 हजार रूपए की राशि को वापस कराया है। पुलिस की इस छोटी ही सही, लेकिन पहली बार किए गए प्रयास की हर तरह सराहना हो रही है और पुलिस अधीक्षक को भी बधाईयां मिल रही हैं। गाजीपुर में साइबर सेल को मिली शिकायतों के आधार पर अभियान चलाया गया। जिसमें 10 खाताधारकों के रूपए वापिस कराए गए। जिसमें पीड़ित शादियाबाद के सौरी निवासी अखिलेश बिन्द पुत्र छन्नू बिन्द के 50 हजार, सदर क्षेत्र निवासी अर्पित सिंह कुशवाहा पुत्र रामहंस के 10 हजार, भुड़कुड़ा के रामयश यादव पुत्र रामलच्छन के 30 हजार, वहीं के जयप्रकाश पाण्डेय के 60 हजार, शादियाबाद के जयप्रकाश श्रीवास्तव के 10 हजार, सैदपुर के शैलेन्द्र यादव के 5 हजार, जखनियां के ही श्रवण कुमार पुत्र सीताराम के 30 हजार, नंदगंज के योगेन्द्र यादव पुत्र जयश्री सिंह यादव के 10 हजार, सैदपुर के मिथिलेश कुमार पुत्र राजेन्द्र राम के 24 हजार व दुल्लहपुर के सुभाष राजभर के 20 हजार रूपयों को वापिस कराया गया। ये रूपए साइबर अपराधियों ने विभिन्न दिनों में उनके खातों से गायब कर दिए थे। अब तक आमजन में यही धारणा थी कि खातों से गायब होने वाले रूपए वापिस नहीं आ सकते। लेकिन लोगों की इस धारणा को एसपी रोहन पी. बोत्रे की कप्तानी में पुलिस ने बदल दिया है। अब लोगों में ये यकीन हो रहा है कि उनके खातों में भी रूपए वापिस आ सकते हैं। साइबर टीम में सेल प्रभारी वैभव मिश्र, कां. मुकेश कुमार, राजकुमार, विकास श्रीवास्तव, शिव प्रकाश यादव आदि रहे। वहीं रूपए वापिस पाकर लोग चहक उठे।