हथियाराम सिद्धपीठ में चातुर्मास का हुआ समापन, महामंडलेश्वर ने दिया गुरूज्ञान



जखनियां, गाजीपुर। क्षेत्र के सिद्ध पीठ हथियाराम मठ में दो माह से चल रहे चातुर्मास महाव्रत का समापन मंगलवार को किया गया।



इस दौरान शिष्यों के बीच मौजूद सिद्ध पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी महंत भवानी नंदन यति ने कहा कि गुरु के पद चिन्हों पर चलना ही धर्म है। कहा कि संपूर्ण वेद में लाखों मंत्रों को समझने के लिए पूरी उम्र भी कम है। हम उनके पद चिन्हों पर चलकर ही शास्त्र को स्वीकार करके जीवन के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं। यह आस्था का मेला है। गुरुजनों के सानिध्य में आने के लिए कर्द जन्मों के पुण्यकर्म होने चाहिए। कहा कि आज देश में बेरोजगारी है, ऐसे में सरकार द्वारा जो रूपए देकर आवास बनवाए जा रहे हैं उन रूपयों के बदले युवाओं को रोजगार देना चाहिए। कहा कि आज लोक कल्याण की भावना से मां सिद्धिदात्री धाम के दरबार में जो लोग आए हैं मां अवश्य उसे पूरा करेंगी। कन्या पीजी कॉलेज के प्राचार्य डा. रत्नाकर त्रिपाठी ने कहा कि यहां की मिट्टी से ऊर्जा बनती है जो टेढे़ को भी सीधा करती है और जिसने बुरा भाव किया उसे हजारों बार भी टेढ़ा होना पड़ता है। कहा कि हथियाराम सिद्धपीठ के वैदिक कार्यक्रमों को पूरा कराना आसान नहीं है। यहां के हरि हरात्मक पूजा पूरे देश में कहीं नहीं होती है। महामंडलेश्वर परेशानंद यति ने कहा कि समय नहीं बदला परंतु आज हम बदले हैं आज वही हो रहा है जो परंपरागत होता रहा। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह, महामंडलेश्वर मोहनानंद यति, देवरहा बाबा, मंगल सिंह, शंभू प्रसाद, अवनीश, केडी सिंह, विपिन सिंह, शिव कुमार राय, श्यामू गिरी, मार्कंडेय महादेव कैथी के पुजारी श्यामू गिरी, रामानंद यति, मुंबई शिवसेना के गुलाब दुबे, अमिता दुबे आदि मौजूद थे।



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