आविर्भाव दिवस पर अपने जुटे हजारों शिष्यों व श्रद्धालुओं से महामंडलेश्वर ने लिया आशीर्वाद, बताया सौभाग्य का दिन





जखनियां। क्षेत्र के हथियाराम स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज का आविर्भाव दिवस हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सिद्धपीठ पर श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जन्म उत्सव के प्रति मेरा कोई उत्साह नहीं लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करना मेरे जीवन का सौभाग्य है। कहा कि आज के दिन मुझे आप सभी श्रद्धालुओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह मेरे लिए सौभाग्य का दिन है, जिस दिन मैं आप लोगों से आशीर्वाद प्राप्त करता हूं। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से सिद्धपीठ से जुड़े शिष्यगण उपस्थित रहे। गुरु महिमा पर प्रकाश डालते हुए महाराज ने कहा कि यदि भगवान भी कुछ समय के लिए नाराज हो जाए तो आपका भला हो सकता है लेकिन शर्त यह होनी चाहिए कि आपका गुरु आपसे प्रसन्न रहे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो ‘विश्व का कल्याण हो’ के ध्येय वाक्य पर विश्वास करता है। भारत देश ऋषि व कृषि दो प्रथाओं को लेकर बना है। यहां की महत्ता रही है कि ऋषि कार्य से जहां भगवान राम के अवतार हुए वहीं कृषि कार्य से माता सीता की उत्पत्ति हुई। इस तरह से ऋषि व कृषि परंपरा के मिलन से ही भगवान राम सीता का धरती पर अवतार हुआ है। भारत राष्ट्र में कृषि व ऋषि की प्रधानता को नकारा नहीं जा सकता और बगैर इनके रामराज्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर अपना 27वां चातुर्मास महायज्ञ आयोजित कर रहे श्री यति महाराज ने कहा कि सिद्धपीठ की पवित्र भूमि पर चातुर्मास महायज्ञ का सौभाग्य किसी भी संत को सिद्ध बना देता है। वृद्धम्बिका देवी की कृपा से यहां के कण कण में भगवान है। लगभग 700 वर्ष प्राचीन इस तपस्थली पर सिद्धसंतों के तप का प्रकाशपुंज है, जहां लकवा जैसे असाध्य रोग से ग्रसित लोग भी दर्शन पूजन कर पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घरों को प्रस्थान करते हैं। इसी मिट्टी पर यज्ञ पूजन करना मेरे जीवन का सौभाग्य है। इस मौके पर आचार्यों में सुरेश पांडेय, डॉ संजय, चित्रसेन, डॉ विजय नारायण राय, डॉ रत्नाकर त्रिपाठी, संत देवराहा बाबा, मानस कथाकार डॉ मंगला सिंह, आरएसएस प्रचारक प्रेम सागर, काशी जिला प्रचारक डॉ. सुरेश, विभाग कार्यवाह आनंद मिश्रा, विजयशंकर राय, शारदानन्द राय उर्फ लूटूर राय, वरुण सिंह, सुरेंद्र यति, कपिलदेव सिंह, राजेन्द्र सिंह, आनन्द मिश्रा, विधायक वीरेन्द्र यादव, रमेश यादव, विपिन सिंह, सन्तोष यादव, डॉ. अमिता दूबे, अजीत सिंह आदि रहे।



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