गंभीर रूप से घायल मरीज को लेकर आई एंबुलेंस को गोरखपुर में मिला ग्रीन कॉरिडोर, बच गई युवक की जान





गोरखपुर। बस्ती जिला अस्पताल से चली 108 नम्बर एंबुलेंस सेवा को गोरखपुर शहर में ग्रीन कॉरिडोर देकर सड़क दुर्घटना के शिकार धर्मेंद्र की जान बचा ली गयी। धर्मेंद्र के सिर में गंभीर चोट लगी थी और उनका ब्लड प्रेशर (बीपी) लगातार नीचे जा रहा था। चिकित्सक की सलाह पर उनके दोस्त बिंदा ने 108 नम्बर एंबुलेंस को कॉल किया था। उन्नाव जिले के निवासी बिंदा ने बताया कि चारपहिया वाहन से वह माल डिलेवरी करने बस्ती जिले में आए थे कि मुंडेरवा के पास उनकी गाड़ी अनियंत्रित हो गयी। बिंदा को तो हल्की चोट लगी लेकिन उनके दोस्त का सिर शीशे से लड़ गया और खून आने लगा। टेम्पो में लेकर जिला अस्पताल बस्ती पहुंचे । वहां चिकित्सक ने इलाज करना शुरू किया तो बीपी का स्तर नीचे जाने लगा। चिकित्सक ने 108 एंबुलेंस को कॉल करने का सुझाव दिया। बिंदा ने एंबुलेंस को कॉल किया और 10 मिनट में पॉयलट विजय कुमार वर्मा जिला अस्पताल में एंबुलेंस लेकर पहुंच गये। एंबुलेंस के ईएमटी मृणाल सागर चौधरी ने बताया कि जब उन्होंने मरीज की स्थिति को देखा तो फौरन इसकी सूचना प्रोग्राम मैनेजर विवेक दूबे को दी। विवेक दूबे ने गोरखपुर के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी को सूचना दी और आग्रह किया कि ग्रीन कॉरिडोर तैयार करवाया जाए। प्रवीण और विवक के प्रयासों से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के आरक्षी नौसाद ने कॉरिडोर तैयार किया । नौसढ़ से लेकर मेडिकल कॉलेज की दूरी तय करने में ट्रैफिक की स्थिति में 45 मिनट तक लग जाते हैं। बिंदा ने बताया कि छह अगस्त को भी ट्रैफिक काफी ज्यादा था। ईएमटी ने बताया कि नौसाद ने न केवल ग्रीन कॉरिडोर बनवाया बल्कि एंबुलेंस को रूट भी बताते रहे और एंबुलेंस शहर के भीतर 20 मिनट में मेडिकल कॉलेज तक पहुंच सकी। बिंदा का कहना है कि उनका दोस्त और वह दोनों लोग ठीक हैं और वह एंबुलेंस सेवा से संतुष्ट हैं। गोरखपुर शहर के एसपी ट्रैफिक डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अति गंभीर मरीजों को गोरखपुर शहर में लाने वाली प्रत्येक सरकारी एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए एंबुलेंस के स्टॉफ को घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही ट्रैफिक पुलिस को वाट्स एप एवं कॉल के जरिये सूचित करना होता है। सूचना मिलने के बाद आईटीएमएस की टीम समन्वय स्थापित कर एंबुलेंस को सही रास्ता बताती है और ग्रीन कॉरिडोर भी बनवाती है।



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