शिशु के लिए अमृत व वरदान होता है जन्म के एक घंटे तक का पहला गाढ़ा पीला दूध, गोष्ठी का हुआ आयोजन





गोरखपुर। बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां अपना पहला गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाएं, क्योंकि इसमें कोलस्ट्रोम होता है। ये बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान करवाना चाहिए। छह माह से दो साल की उम्र तक पूरक आहार देने के साथ स्तनपान भी कराना आवश्यक है। जिला महिला अस्पताल में विश्व स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित एक दिवसीय गोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने गर्भवती व धात्री महिलाओं को यह संदेश दिया गया। गोष्ठी का आयोजन जिला महिला अस्पताल में गुरुवार को किया गया। अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि मां का दूध अमृत के तुल्य होता है। यह बच्चे को ताकतवर बनाता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार जिले में तीन साल से कम उम्र के महज 38.8 फीसदी बच्चों ने ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान किया है। यह चिंता का विषय है। इस व्यवहार को बदलना होगा। इसी सर्वेक्षण के मुताबिक 71.2 फीसदी बच्चों ने छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान किया है। ऐसे व्यवहार को बढ़ावा देना होगा। स्तनपान का सही व्यवहार अपनाने वाली माताओं के बच्चों में आगे चल कर रक्त कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है। मां के दूध में कई प्रकार के प्राकृतिक और पौष्टिक तत्व होते हैं, जो बच्चे को सुपोषित बनाते हैं। इससे शिशु की बौद्धिक क्षमता बढ़ती है और मां के साथ उसका भावनात्मक रिश्ता और भी मजबूत होता है। इस दौरान इनरव्हील क्लब होराइजन ने सौ से अधिक गर्भवती व धात्री महिलाओं को आयरन व कैल्शियम की गोलियां, दलिया आदि पौष्टिक सामग्री का वितरण भी किया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ एनके श्रीवास्तव, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार, गोरखपुर एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स के डॉ डीके सिंह, डॉ वीके राय, एम्स गोरखपुर के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के प्रवीण दूबे, नाजिम खां, उषा दूबे, इनरव्हील क्लब होराइजन की गुंजन अग्रवाल, डॉ जय कुमार, केएन बरनवाल, एआरओ एसएन शुक्ला, क्यूएम डॉ कमलेश, सविता टिबड़ेवाल, विजेता सिंघानिया, शालिनी, स्वाति, स्मिता आदि रहे। संचालन अमरनाथ जायसवाल ने किया।



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