खुली बैठक कराने गए एसओसी चकबंदी व कई अधिकारियों समेत एसडीएम की गाड़ी ग्रामीणों ने रोकी, आधी रात में थाने का किया घेराव





सैदपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद चकबंदी आयुक्त के निर्देश पर बड़नपुर गांव में खुली बैठक कराने गए एसओसी चकबंदी समेत विभाग के अन्य अधिकारियों व एसडीएम की गाड़ी चकबंदी से नाराज ग्रामीणों के एक पक्ष ने रोक दिया। गाड़ी का घेराव कर ग्रामीण चकबंदी न होने की मांग करने लगे। एसडीएम के समझाने पर ग्रामीण माने तो अधिकारी वापस गए। करीब दो घंटे बाद पुलिस टीम पहुंची तो चकबंदी का विरोध कर रहे ग्रामीणों को बढ़ावा देने वाले संदीप कुमार को पुलिस पकड़कर कोतवाली लेते आई। इसका पता चलते ही 50सों महिला पुरुष ग्रामीण कोतवाली पहुंच गए। रात करीब 12 बजे सीओ हितेंद्र कृष्णा व एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया तब वे माने और संदीप को लेकर वापस गए। बड़नपुर गांव में चकबंदी न किए जाने के लिए ग्रामीण चंद्रबली ने प्रत्यावेदन हाईकोर्ट में दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने डायरेक्शन के बाद चकबंदी आयुक्त के निर्देश पर एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता व चकबंदी के एसओसी धनराज यादव, चकबंदी के सीओ गजाधर सिंह, एसीओ सदानंद, लेखपाल संतोष, सूरज सिंह, राजेश गोंड बड़नपुर गांव में पहुंचे और और खुली बैठक बुलाई। खुली बैठक में चकबंदी न किए जाने वाले पक्ष के ग्रामीणों ने हो-हल्ला करना शुरू कर दिया, यह देख चकबंदी के अधिकारी व एसडीएम अपनी गाड़ी में बैठकर वापस जाने लगे। एसडीएम की गाड़ी आगे निकल गई थी, लेकिन ग्रामीणों ने चकबंदी विभाग के अधिकारियों की गाड़ी को रोक दिया और घेराव कर चकबंदी न करने की मांग करने लगे। इसका पता चलने पर एसडीएम वापस पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनकी भी गाड़ी घेर ली। एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाया तो वे माने और सभी अधिकारी मय कर्मचारी वापस आ गए। करीब दो घंटे बाद पुलिस टीम वहां पहुंची और ग्रामीणों को बढ़ावा देने वाले संदीप कुमार को पकड़कर कोतवाली ले आई, तब 50सों महिला-पुरुष ग्रामीण कोतवाली पहुंच गए। इसका पता चलने पर एसडीएम व सीओ ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया। बताया कि चकबंदी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। धारा 41 की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब किसी को आपत्ति है तो वह व्यक्तिगत लिखित आपत्ति दे सकता है। इधर एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता ने साफ किया कि चकबंदी के लोगों की गाड़ी रोकी गई तो मैं वापस जाकर ग्रामीणों को समझाकर वहां से हटाया। इस संबंध में प्रभारी कोतवाल अगम दास न बताया कि ग्रामीण बातचीत करने के लिए कोतवाली आए थे। एसडीएम व सीओ से बातचीत करने के बाद वह वापस चले गए।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< शिशु के लिए अमृत व वरदान होता है जन्म के एक घंटे तक का पहला गाढ़ा पीला दूध, गोष्ठी का हुआ आयोजन
टीबी के लक्षणों, इलाज व सरकार की योजनाओं के बारे में स्कूलों में जाकर किया जा रहा जागरूक >>