उदासीन आश्रम के महंथ बने अलख पुरूष दास, देश भर से जुटे संतों ने रीति-रिवाजों से सौंपी गद्दी
सैदपुर। नगर के पश्चिम बाजार स्थित प्राचीन उदासीन आश्रम में गद्दी स्थानांतरित करते हुए नए महंथ को सौंपी गई। इस दौरान भव्य तरीके से पूरे रीति रिवाजों के साथ उन्हें आश्रम की गद्दी सौंपी गई। वार्ड 9 में उदासीन संप्रदाय का प्राचीन आश्रम है। वहां पर अब तक परंपरा के अनुसार महंथ माधवानंद गद्दी आसीन थे। लेकिन बीते 16 दिनों पूर्व उन्होंने समाधि ले ली। जिसके बाद परंपरा के अनुसार उन्हें समाधिस्थ किया गया। इसके बाद संप्रदाय के प्रयागराज स्थित मुख्यालय से पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन से संत आश्रम पर पहुंचे। संप्रदाय के महंथ प्रकाशानंद महाराज के नेतृत्व में रीति रिवाजों के साथ पूजन अर्चन करके आश्रम का नया महंथ संप्रदाय के अलख पुरूष दास महाराज को चुना और उन्हें आश्रम की गद्दी सौंपी गई। इस दौरान सभी ने उनकी पूजा की और उनका आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात हरियाणा, मुंबई समेत देश के कई हिस्सों से आए साधु संतों ने प्रसाद लिया। इसके पश्चात आश्रम में आमजन के लिए भंडारा किया गया। बता दें कि सैदपुर का उदासीन आश्रम मतंग ऋषि का आश्रम था। इस आश्रम की तीन शाखाएं हैं। जिसमें जौनपुर के गौराबादशाहपुर समेत सादात व भद्रसेन में आश्रम हैं। इस मौके पर किनौली बाराबंकी के महंथ प्रकाशानंद, प्रयागराज से आए महंथ शिवानंद, मुंबई के महंथ दयानंद महाराज, फरीदाबाद हरियाणा के महंथ गोमतीदास आदि रहे।