जानलेवा डेंगू से बचाव को किया गया जागरूक





गोरखपुर। पार्कों में फैलाई जा रही गंदगी से भी डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। लोग पार्कों में फाइबर का गिलास, प्लेट व कटोरी फेंक देते हैं, जिनमें जरा सी बारिश से डेंगू के लार्वा पनपने लगते हैं। दिन में पार्क घूमने जाने वाले लोगों को सक्रिय डेंगू के मच्छर काट सकते हैं और इस तरह डेंगू के प्रसार के आशंका बन जाती है। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जुलाई 2022 को डेंगू माह रोधी के तौर पर मनाया जा रहा है। जिसमें जागरूकता के सभी संदेश लोगों तक पहुंचाने हैं और मच्छरों की उत्पत्ति के सोर्स का खात्मा करना है। कूलर, गमले, फ्रीज ट्रे, पशु-पक्षियों के पात्र, खुले में फेंके गये टायर आदि सभी ऐसे स्थानों की साप्ताहिक साफ-सफाई डेंगू से बचाव के कारगर उपाय हैं। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें द्वारा जारी पत्र में डेंगू माह मनाये जाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। पत्र के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों के लोगों को डेंगू के बारे में संवेदीकृत किया जाना है। ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ कार्यक्रम को प्रभावी तौर पर लागू करना है। पत्र के मुताबिक जनसमुदाय को बताया जाए कि कूलर, जल के टैंक, गमले, पशु-पक्षियों के पीने के पात्र, निष्प्रयोज्य सामग्री जैसे नारियल खोल, प्लास्टिक, कप, बोतल की साफ-सफाई व आवश्यकतानुसार निस्तारण किया जाए। डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड आरक्षित किये जाएंगे। निर्माणाधीन स्थानों पर मच्छरों का घनत्व कम करने की कार्यवाही होनी है। सप्ताह में एक दिन कूलर का पानी अवश्य बदलने का संदेश देने को कहा गया है। आशा कार्यकर्ता लोगों को घर-घर पहुंच कर इन सभी संदेशों को पहुंचाएंगी। बताया कि जिला स्तरीय बैठक के बाद प्रत्येक विद्यालय में एक एक शिक्षक को चुन कर स्वास्थ्य शिक्षा दी जानी है और डेंगू के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश है। इससे बच्चों और उनके अभिभावकों को बीमारी के बारे में जागरूक करने में मदद मिलेगी। डेंगू के प्रति नगर विकास विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज संस्थान, आदिवासी कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, विकास प्राधिकरण, रेलवे, मनोरंजन, सशस्त्र पुलिस बल और नागरिक सुरक्षा जैसे विभागों का संवेदीकरण किया जाएगा। बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच व इलाज की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। एलाइजा टेस्ट जिला स्तर पर सेंटीनल लैब में होता है और डेंगू का पुष्ट मामला इस टेस्ट के बाद ही माना जाता है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल में संपर्क करें।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< जिले में उत्सव की तरह मनाया गया विश्व जनसंख्या दिवस, चुने गए 24 मिस्टर स्मार्ट
श्रावण मास शुरू होने के पूर्व शिवालयों में तैयारियां शुरू, उमड़ती है भारी भीड़ >>