9 माह से सरकारी निवाले की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी के नौनिहाल, ललचाई आंखों से निहारते हैं एमडीएम खाते बच्चों को



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। सैदपुर ब्लॉक के हजारों आंगनबाड़ी के नौनिहाल बच्चों को पिछले दो महीनों से तंत्र के हवाले से एक निवाला तक नसीब नहीं हुआ है। ब्लॉक के 314 आंगनबाड़ी केंद्रों के करीब साढ़े तीन हजार बच्चों के लिए सरकार से प्राप्त पोषाहार और खाद्य सामग्री जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से उन तक पहुंच ही नहीं रहा है। छोटे छोटे बच्चों को बिना पोषाहार व पुष्टाहार के पढ़ाई करनी पड़ रही है। शासन की ओर से अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों को परिषदीय विद्यालयों से जोड़ दिया गया है। जहां परिषदीय विद्यालयों के बच्चे जब भोजन करते है तब आंगनबाड़ी के बच्चे उन्हें ललचायी निगाह से देखकर तरसते रहते है। प्राइमरी स्कूल के रसोइयों का कहना है कि सीमित संसाधनों से स्कूली बच्चों के मिड डे मील की व्यवस्था हो पाती है, पर इसी परिसर में पढ़ने वाले आंगनबाड़ी के बच्चों को कुछ नही दिया जाता है। कभी कभार बचे हुए खाने को आंगनबाड़ी के बच्चों में बांट दिया जाता है। जब स्कूल के बच्चे थाली लेकर भोजन की कतार लगाते है तब आंगनबाड़ी के बच्चे अपने कमरे में चले जाते है या दूर बैठकर निहारते रहते है। ग्रामीण इलाकों के अभिभावकों का कहना है कि पिछले साल भर से किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र से बच्चों को पूरा पोषाहार वितरित नही किया जाता है। कभी कभार कुछ पुष्टाहार के रूप में बांटकर इतिश्री कर ली जाती है। सम्बंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नही होती है। आंगनबाड़ी कार्यालय सैदपुर के बाबुओं का कहना है कि बच्चों के लिए पोषाहार आने में देरी के कारण पिछले महीने वितरण नही हो पाया था। वितरण प्रक्रिया में कुछ व्यवधान के कारण सभी आंगनबाड़ी केंद्रों तक बच्चों का पोषाहार नहीं पहुंच पा रहा है।



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