सरकार व विभाग के पास मौजूद है आंकड़ा, फिर भी हर साल दगा दे जाती हैं सहकारी समितियां, किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप


खानपुर। क्षेत्र के किसान इस समय खरीफ के फसल की बुआई कर रहे हैं। ऐसे में अब उन्हें खेतों में डालने के लिए यूरिया खाद की जरूरत पड़ रही है। लेकिन सहकारी समितियों के पास खाद न होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गयी है। खानपुर, मौधा, नायकडीह आदि साधन सहकारी समितियों से किसानों को जरूरत के समय खाद नहीं मिल रही है। जिसके चलते किसानों को निजी दुकानदारों से अधिक मूल्य पर खाद खरीदना पड़ रहा है। आक्रोशित किसानों ने सरकार पर सीधा आरोप लगाया है कि उन्हें कभी भी जरूरत के समय खाद, पानी व बिजली की आपूर्ति नहीं मिलती और सरकार किसानों के लिए बेहतर करने का दावा करती है। किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद आपूर्ति होती रहे, इसके लिए साधन सहकारी समिति की स्थापना की गई है। लेकिन किसानों की जरूरत के दौरान यह समितियां दगा दे जाती हैं। यूरिया की आपूर्ति में देरी के कारण किसानों के बीच मारामारी मची है। धान, अरहर, ज्वार, बाजरा आदि फसलों में बुआई के बाद किसानों को अब फसल में डालने के लिए यूरिया चाहिए। खानपुर सहकारी समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर के बाद से खाद उपलब्ध नहीं हो पाई है। गोदाम पर किसान रोजाना आकर हम लोगों को कोसते हैं। वहीं इन समितियों में खाद की आपूर्ति कम होने के कारण किसान अब व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करने लगे हैं। किसानों का कहना है कि कृषि व सहकारिता विभाग के अधिकारियों के पास हर साल के आंकड़े होते हैं। इसके बाद भी किसानों को धान व गेहूं दोनों फसलों के लिए खाद की मांग के दौरान बाजार का मुंह देखना पड़ता है। बाजार से ऊंची कीमत पर खाद व बीज खरीदने से खेती की लागत बढ़ जाती है।