बुखार हो तो हर हाल में कराएं मलेरिया की जांच, बच सकती है जान
गोरखपुर। बुखार का रोगी मलेरिया पीड़ित भी हो सकता है। यही वजह है कि बुखार के प्रत्येक रोगी को आशा कार्यकर्ता की मदद से मलेरिया जांच करवानी चाहिए। प्रत्येक ब्लॉक में 25-30 आशा कार्यकर्ताओं के पास जांच किट भी उपलब्ध है, जिससे वह मौके पर ही जांच कर सकती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को इस संबंध में प्रशिक्षित भी किया गया है। इस साल भी सभी आशा कार्यकर्ताओं को जिला स्तरीय मलेरिया टीम व ब्लाक स्तरीय टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। संबंधित क्षेत्र के बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडब्ल्यू) को भी स्लाइड बना कर मलेरिया की जांच का दिशा-निर्देश है। यह जानकारी देते हुए जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जून माह को मलेरिया माह की तौर पर मनाया जा रहा है। इस माह मच्छरों की रोकथाम के लिए सामुदायिक सहभागिता के अलावा बीमारी के लक्षण दिखने पर त्वरित जांच पर जोर है। जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि चार से आठ घंटे के चक्र में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, खांसी आना, मांसपेशियों में दर्द होना, छाती व पेट में दर्द, शरीर में ऐंठन होना, मल के साथ रक्त आना, पसीना आना और उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो मलेरिया जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं से भी कहा गया है कि वह घर-घर जाकर बुखार के रोगियों की किट से मलेरिया की जांच करें। समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर भी मलेरिया की जांच निःशुल्क है। श्री सिंह ने बताया कि सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे और सीपी मिश्रा की देखरेख में मलेरिया इंस्पेक्टर की टीम ब्लॉक पर जाकर आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया जांच के बारे में संवेदीकृत भी कर रही है। चरगांवा, खोराबार, ब्रह्मपुर, सहजनवां, जंगल कौड़िया, कौड़ीराम और पिपरौली में इस साल भी आशा कार्यकर्ताओं को संवेदीकृत किया जा चुका है। आशा कार्यकर्ता और बीएचडब्ल्यू की मदद से जनवरी 2021 से दिसम्बर 2021 तक कुल 48 हजार 132 बुखार के रोगियों की मलेरिया की जांच की गयी, जिनमें से 11 मलेरिया रोगी निकले। इस साल जनवरी से मई माह तक 33 हजार 719 बुखार रोगियों की मलेरिया जांच की गयी है, जिनमें से एक में मलेरिया की पुष्टि हुई है। मलेरिया का मच्छर सामान्यतः शाम और सुबह के बीच काटता है। यह गंदे पानी में पनपता है। अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है। मलेरिया से बचने के लिए पूरे बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं और घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें। घरों में कीटनाशक का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं, मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें।