श्रीराम के चरित्र को आत्मसात कर महान बन सकता है इंसान - आचार्य शशिकांत





खानपुर। क्षेत्र के सिधौना स्थित सिद्धेश्वर महादेव धाम पर चल रहे सप्त दिवसीय रामकथा में आचार्य शशिकांत महाराज ने कहा कि राम कथा हमें मनुष्य बनाने के लिए है इस सृष्टि में सभी प्राणी सिर्फ जीवन जीने के लिए आये है, परंतु मनुष्य ऐसा कार्य करने के लिए आया है कि आने वाली पीढ़ियां उससे प्रेरणा लें। राम कथा हमारे जीवन में हमें सत्य का मार्ग दिखाकर धर्म से जोड़ती है। कथा को सुनकर हमें आत्मसात कर चिंतन करना चाहिए। कथा वाचक राममिलन महाराज ने कहा कि भगवान राम का चरित्र परम उदार, दयालु और मार्गदर्शक हैं। भगवान राम के नाम में इतनी शक्ति है कि अगर सच्ची भक्ति और निष्ठा से पत्थर पर लिखने से पानी तैरने लगता है। श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा सुनने मात्र से ही प्रभु की कृपा मिलती जहां भगवान की कृपा होती है, उसी जगह रामकथा संभव हो पाती है। पुरुषार्थ मानव का धर्म है। बिना परिश्रम के कुछ भी मिलना असंभव है। रामकथा से हर जीव की व्यथा दूर हो जाती है। कथा सुनने के लिए शिवधाम में पुरुषों के साथ ही भारी संख्या में महिला भक्त भी मौजूद रहीं।



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