आजीविका मिशन से सफलता की इबारत लिख रही हैं बीसी सखियां, नहीं फैलाना पड़ता है कहीं हाथ





सैदपुर। शासन का साथ पाकर आधी आबादी अब विकास के पथ पर आगे बढ़ चली है। जनपद के गांवों में ऐसी तमाम महिलाएं हैं, जो दूसरों पर आश्रित न रहकर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन इनकी इच्छाओं को पूरा कर रहा है। इस योजना के तहत कुछ महिलाएं सफलता की कहानी लिख रही हैं। सैदपुर ब्लॉक के तेतारपुर गांव की मां काली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सामुदायिक निवेश निधि के अंतर्गत ऋण मिला। समूह की बीसी सखी सुषमा सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से उनके समृद्धि की राह निकली। बताया कि कल तक दो-चार रुपये के लिए परिवार के मुखिया पर निर्भर रहने वाली महिलाएं अब अच्छी खासी कमाई कर रही हैं। ये वही महिलाएं हैं, जो साल भर पहले आत्मनिर्भर बनने के लिए परेशान रहती थीं। आय न होने से वह तनाव में रहती थीं। हालांकि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद जिदगी संवर रही है। अब वो दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। बताया कि पति की छोटी आय होने से परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो जाता था। बच्चे की पढ़ाई आदि को लेकर चिंता खाए जा रही थी। आत्मनिर्भर बनने के लिए तमाम प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ना लाभप्रद रहा। बताया कि अब समूह से पैसा मिलने के कारण महिलाएं ऊन की चादर, पर्दा, पायदान के अलावा चटाई बनाने पर भी विचार कर रही हैं। सभी शासन की इस योजना व शासन का आभार व्यक्त कर रही हैं।



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