विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर हुई जागरूकता गोष्ठी, एक दूसरे को दिलाया गया संकल्प
खानपुर। क्षेत्र के टड़वा स्थित रामजीत शिक्षण संस्थान में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों को बाल श्रम पर रोक लगाने का संकल्प दिलाया गया। निदेशक डॉ पूनम यादव ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से लाखों बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। सरकारों नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों के साथ ही दुनियाभर में लाखों लोगों को हर साल बाल श्रमिक को रोकने के लिए जागरूक किया जाता है, इसके बावजूद इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। कहा कि बच्चों की मदद के लिए कई कैंपेन भी चलाए जाते हैं, फिर भी कई बच्चे ऐसे हैं जो बहुत छोटी उम्र में अपना बचपन खो देते हैं। रामविलास चौहान ने कहा कि बाल श्रमिक अपने बचपन के साथ अपने स्वास्थ्य और भविष्य की बर्बादी भी करते हैं। बच्चे अशिक्षित रह जाते हैं जिसके कारण उनका विकास नहीं हो पाता है। जिससे देश और समाज पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है। किसी भी देश को विकास के लिए बाल शिक्षा का होना बेहद जरूरी है। दिनेश कुमार ने कहा कि बालश्रम के निवारण के लिए सरकार ने कई प्रावधानों को लागू किया गया है पर इसे नियमों से रोकना मुश्किल है। सभी लोगों की जागरूकता ही बाल श्रम को रोक सकती है। बाल श्रम निषेध दिवस पर हमें बाल श्रमिकों को समझाना चाहिए और उनके भविष्य के बारे में उन्हें जानकारियां देनी चाहिए। कहा कि बाल श्रमिक बच्चों के परिवार जन को बाल श्रम ना करवाने के लिए समझाना चाहिए। सभी की जागरूकता ही बालश्रम का निवारण है।