झपकी आने से पिकअप ने घर के बाहर सो रहे आधा दर्जन को रौंदा, महिला की मौत, सब्जी बेचकर बेटे को बनाया था एमबीबीएस डॉक्टर
देवकली। नंदगंज थानाक्षेत्र के देवकली बस स्टैंड पर भोर साढ़े 4 बजे पहड़िया मंडी से आ रही सब्जी लदी पिकअप चालक को झपकी आने से अनियंत्रित हो गयी और पटरी से उतरकर महिला समेत घरों के बाहर सो रहे आधा दर्जन लोगों को रौंदते हुए कई दुकानों को तोड़ते हुए घुस गई। घटना में घायल सभी को अस्पताल ले जाया गया। जहां दो महिलाओं को गम्भीर हाल में रेफर कर दिया गया। उनमे से एक की वाराणसी में मौत हो गयी। मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। तेज रफ्तार पिकअप वाराणसी के पहड़िया मंडी से सब्जी लादकर गाजीपुर की तरफ आ रही थी। देवकली में चालक को अचानक झपकी आ गयी। जिसके बाद पिकअप ने सड़क किनारे सो रहे कईयों को रौंद दिया। जिसमें 55 वर्षीय शांति मौर्या समेत आशा देवी पत्नी चन्द्रिका राम 50, 8 वर्षीय राखी पुत्री राजकुमार, कोमल राम 55, राजू राम 30 आदि घायल हो गए। वहीं कई दुकानों के टीनशेड धराशायी हो गए। सभी घायल अपने घर के बाहर सो रहे थे। टक्कर के बाद पिकअप गड्ढे में जाकर फंसकर रुक गयी। सभी घायलों को निजी चिकित्सक के यहां ले जाया गया, जहाँ से शांति व आशा को गम्भीर हाल में रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान शांति ने दम तोड़ दिया। एसआई शिवपूजन बिंद मौके पर पहुंचे और चालक को मय पिकअप हिरासत में ले लिया। बता दें कि मृतका विधवा थी। दो दशक पूर्व पति का निधन हो गया था। तभी से शांति सब्जी की दुकान करके परिवार चलाती थी। इसी सब्जी की दुकान की बदौलत उसने अपने पुत्र लक्ष्मण मौर्य को एमबीबीएस कराया। वर्तमान में एमबीबीएस करने वाला पुत्र प्रयागराज के सरकारी अस्पताल में तैनात है। परिवार में दो पुत्रों के अलावा किसी और के न होने से मृतका ने अपने खेत के अलावा दूसरों के खेत को बंटाई पर लेकर उसमें सब्जियां उगाती और बेचती थी। इसी मेहनत की बदौलत बेटे को सरकारी डॉक्टर बना दिया। दोनों बेटे अभी अविवाहित हैं और इसके पूर्व ही उनकी मां उन्हें छोड़कर चली गई। उनकी मौत के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बता दें कि उक्त बस स्टैंड पर सर्विस लेन न होने से आये दिन कोई न कोई बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसमें जान चले जाना आम बात हो गई है।