विश्व पक्षी प्रवासी दिवस पर पूर्व एमएलसी ने किया अनोखे पक्षी भोज का आयोजन



सैदपुर। क्षेत्र के अठगांवा स्थित पक्षी विहार में विश्व पक्षी प्रवासी दिवस पर पक्षीभोज आयोजित कर प्रवासी पक्षियों को प्रकृति का सांस्कृतिक दूत माना गया। पूर्व एमएलसी डॉ कैलाश सिंह ने कहा कि जीवन के विविध रूपों में पक्षियों का अपने रंग रूप आवाज के कारण सबसे अधिक आकर्षक करने वाला स्वरूप है। पक्षियों में प्रवास एक अद्भुत प्राकृतिक प्रक्रिया है। विभिन्न प्रवासी पक्षी प्रवास के लिए सैकड़ों मील की दूरी तक यात्रा करते हैं और जलस्रोत के किनारे दो से तीन महीने के लिए अपना डेरा डालने के बाद लौट जाते हैं। पक्षी प्रेमी आशीष सिंह ने कहा कि पक्षियों की कई प्रजाति विलुप्त हो रही हैं। उनके संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। पक्षियों के संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला विश्व प्रवासी पक्षी दिवस इसकी एक बानगी है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के प्रति वैश्विक समुदाय में जागरूकता पैदा करना और उनके बचाव के लिए जरूरी उपाय तलाशने एवं उनकी आवश्यकता पर बल देना है।