आधुनिकता की दौड़ में पाश्चात्य सभ्यता से पीछे छूट रही सबसे भारतीय संस्कृति - वैदेही





देवकली। स्थानीय ब्रह्म स्थल परिसर में चल रहे सा दिवसीय मानस सम्मेलन के तीसरे दिन मानस चातकी सुश्री वैदेही ने संगीतमय प्रवचन दिया। कहा कि रामचरित मानस एक आदर्श ग्रन्थ है, जो विश्व भर में पूज्य है। माता-पिता, सास-बहू, मित्र-मित्र, गुरु-शिष्य, भाई-भाई, देश के प्रति संबंध कैसे होने चाहिए, इसकी शिक्षा देता है। कहा कि आज के समय में कुछ लोग मां-बाप की सेवा नहीं करते हैं, पूरे देश में वृद्धाश्रमों का बोलबाला है। कहा कि पूरे विश्व में सर्वोच्च रही भारतीय संस्कृति आज पाश्चात्य सभ्यता के चलते पीछे छूटती जा रही है और यही हमारे पतन का कारण है। इसके पश्चात रामजन्म का आयोजन हुआ, जिसके बाद बधाई व सोहर गागर लोगों को भक्ति भाव में गोते लगाने को विवश कर दिया। इस मौके पर अवधेश मौर्य, अर्जुन पाण्डेय, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, विशाल वर्मा, प्रभुनाथ पाण्डेय, सोनू वर्मा, अजय मौर्य आदि रहे। संचालन अरविन्द लाल ने किया।



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