घर की छत या खाली जगहों पर लगाएं पोषण वाटिका, बच्चों को बनाएं सुपोषित
गोरखपुर। बच्चों को सुपोषित बनाने में पोषण वाटिका अहम भूमिका निभा सकती है। बच्चों को सही पोषण इन वाटिकाओं के जरिये ही मिलेगा । इसलिए सभी लोग घर की छतों और खाली जगह पर पोषण वाटिका अवश्य लगवाएं । पोषण वाटिका के लिए पौधों के चयन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद ले सकते हैं। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) हेमंत सिंह का । उन्होंने बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) की मदद से जिले में 3453 वाटिकाओं को लगाने के लिए सीड किट दी जा रही है । डीपीओ ने बताया कि जिले में इस समय 3545 आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र के 19 ब्लॉक में संचालित किये जा रहे हैं । इन केंद्रों के लिए 550 वेजिटेबल सीड किट दिये जा रहे हैं, जिनके जरिये 3453 पोषण वाटिकाओं का लक्ष्य पूरा किया जाएगा । जिले में प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और सार्वजनिक स्थानों पर कुल 1418 वाटिकाएं लगाई जा चुकी हैं । इनकी देखरेख स्कूल स्टॉफ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा की जाएगी । यह वाटिकाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ही लगाई जाएंगी । शहरी क्षेत्र में गमलों में उगने वाले औषधीय पौधे व सब्जियां केंद्रों पर लगाए जाएंगे । श्री सिंह ने बताया कि वाटिकाओं में सहजन, नींबू, आंवला, पपीता और हरी साग-सब्जियां लगाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि वाटिकाओं को लगाने में बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, आयुष एवं स्वास्थ्य, उद्यान, वन और कृषि विभाग आपसी समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद के दिशा-निर्देश पर 30 नवम्बर तक पोषण वाटिकाओं का कार्य पूरा कर लेना है । सीड किट भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है । जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जो लोग घर में पोषण वाटिका लगाना चाहते हैं वह लोग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से वाटिका लगाने के तौर-तरीके सीख सकते हैं। पौधे उद्यान विभाग से खुद लेने हैं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से वाटिका तैयार की जा सकती है । बताया कि हरी साग-सब्जियों से आयरन कैल्शियम की कमी की पूर्ति होती है, जबकि आंवला और नींबू में विटामिन सी मिलता है। सहजन में कई प्रकार के विटामिन और आयरन पाए जाते हैं जो बच्चों को सुपोषित करने में मददगार हैं।