अमृत महोत्सव समारोह में याद किए गए गाजीपुर के बलिदानी, गुमनाम शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित





देवकली। स्वतंत्र भारत के 75 वें वर्षगाठ पर देवकली स्थित ब्रह्म बाबा परिसर में अमृत महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता डॉ. महेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर देश की आजादी में गाजीपुर का इतिहास बेहद गौरवपूर्ण रहा है। यहां के नौजवानों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया लेकिन भारत माता की गरिमा पर आंच नहीं आने दिया। सूर्यदेव राय ने कहा गाजीपुर की जन्मभूमि पूज्य है और धार्मिक व ऐतिहासिक लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। जमानियां में जमदग्नि ऋषि आश्रम, करण्डा में कण्व ऋषि आश्रम, नागा बाबा, चोचकपुर में मौनीबाबा धाम, भितरी में सम्राट स्कन्दगुप्त की लाट, धुवार्जुन में चौमुखनाथ धाम, चकेरी धाम आदि ऐतिहासिक धरोहर व कई सांस्कृतिक धरोहर हैं। जितेन्द्र नाथ पाण्डेय ने स्वतंत्रता आन्दोलन मे गाजीपुर के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मीरपुर तिरवाह के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. सुक्खी सिंह, रसूलपुर कोलवर के स्व. बेचन राजभर, देवकली के स्व. राजाराम पाण्डेय, स्व. विभूति पाण्डेय, बासूचक के स्व. बेचू सिंह, स्व. भरतपाल, स्व. पलटू राम, स्व. श्यामदुलारी देवी, धुवार्जुन के स्व. रमाशंकर राय आदि के परिवारीजनों को अंगवस्त्रम व माल्यापर्ण करके सम्मानित किया गया और उनके शहीद परिजन को याद किया गया। इस मौके पर धर्मराज मौर्य, रामलाल मौर्य, नरेन्द्र कुमार मौर्य, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, हंसराज कुशवाहा, प्रवीण त्रिपाठी, श्रीकांत सिंह, अखिलेश सिंह कुशवाहा, प्रमोद मौर्य, दिलीप गुप्ता आदि रहे।



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