अतिक्रमण से तेजी से खत्म हो रही ग्रामीण सड़कों की उम्र, सरकार के आदेश के बावजूद प्रशासन कार्रवाई में फेल





खानपुर। सरकार ग्रामीण इलाकों में सड़कों का जाल बिछाकर विकास का दावा कर रही है। जबकि आज क्षेत्र की अधिकांश ग्रामीण सड़कें अतिक्रमण का शिकार है। जिससे राहगीरों को परेशानियों का सामना करने के साथ ही इन सड़कों का मरम्मत एवं निर्माण कार्य भी बाधित हो रहा है। अधिकांश ग्रामीण सड़कें अतिक्रमण की जद में है। कहीं ग्रामीणों ने सड़कों पर अतिक्रमण कर दुकान और गाय, भैंस का स्थल बना दिया गया है, तो कहीं सड़कों पर भेंड़ बकरियों को बांधे जाने के अलावा गिट्टी, बालू व ईंट रख दिये गये हैं। कई गांवों की मुख्य सड़क सहित फुटपाथ और किनारे बने नालियों का अतिक्रमण कर लिया गया है। इससे आवागमन में परेशानी होने के साथ ही सड़क की वजह से गांव का विकास भी प्रभावित हो रहा है। गांवों में सड़कों किनारे कूड़ा करकट, गोबर और राख का ढेर लगाकर अतिक्रमण किया गया है। जिससे आने जाने वालों के साथ पास पड़ोस के लोगों के साथ अक्सर विवाद होते रहते हैं। कई दूरस्थ गांवों में लोग सड़कों पर मड़ई, झोपड़ी और सीमेंटेड शीट रखकर कब्जा जमाए हुए हैं। गांव की कई सड़कें सालभर गंदे पानी और कीचड़ से भरे रहते है। सड़कों किनारे बसे लोग घरों के नाबदान, शौचालय व पशुगाह का गंदा पानी सड़कों पर बहा देते हैं। जिससे बरसात के दिनों में यह सड़कें तालाब जैसी दिखने लगती हैं। सरकार की ओर से जिला प्रशासन को अतिक्रमित ग्रामीण सड़कों व सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाये जाने का टास्क दिया गया है। लेकिन कहीं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता तो कहीं दबंगों का कब्जा तो कहीं विवाद में उलझी सड़कों को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका है। जिससे ये ग्रामीण सड़कें जर्जर होकर ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ा रही है।



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