भारतीय संस्कृति से पूरी दुनिया को परिचित कराने का दिन है विश्व बिंदी दिवस, नारी के सिर का होती है ताज - संदीप





जखनियां। भारतीय नारी समेत पूरी दुनिया के महिलाओं की गरिमा और सुंदरता की प्रतीक माथे की बिंदी के लिए भी पूरी दुनिया में एक दिन का निर्धारण किया गया है। शनिवार को बिंदी दिवस के मौके पर बारोडीह गांव के शिव मंदिर बैठक हुई। जिसमें शिक्षक संदीप पांडेय ने कहा कि बिंदी हर नारी के सिर का ताज होती है। बिंदी की महत्ता बताते हुए कहा कि बिंदी चाहे हल्के हाथ से माथे पर छुआ ली गई हो या करीने से सजाई गई हो, बिंदी लग भर जाए तो हर नारी के श्रृंगार में चार चांद लगा देती है। कहा कि माथे के आज्ञा चक्र और तृतीय नेत्र के बीच में ही बिंदी का स्थान होता है। कहा कि बिंदी शास्त्रों तक में वर्णित है, पुरातन काल से आज तक न कभी ये आउट ऑफ फैशन हुई और न ही इसकी महत्ता कम हुई। भारतीय इतिहास की तीन हजार साल पुरानी प्रतिमाएं ही बिंदी का इतिहास साबित करती हैं। कहा कि भारतीय परंपरा की वाहक बिंदी के लिए पूरी दुनिया में एक दिन निर्धारित है, ये गर्व का विषय है। इस मौके पर मनीष पांडेय, मुकेश पांडेय, सुमन, अरविंद पांडेय, पवन कुमार आदि रहे।



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