पॉजिटिव खबर : नहीं आया कर्मकांडी ब्राह्मण तो मुस्लिम दोस्त ने कराया रीति-रिवाजों से पिंडदान, हैरान रह गए लोग



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। वैसे तो आए दिन हिंदू-मुस्लिमों के बीच धार्मिक मतभेद व विवादों की खबरें सामने आती रहती हैं लेकिन कई बार सकारात्मक खबरें भी बाहर आती हैं, जिससे लोगों को कौमी सौहार्द की प्रेरणा मिलती है। ऐसा ही वाकया क्षेत्र के रामपुर में देखने को मिला, जब मजहबी एकता को मजबूत करते हुए रशीद खान ने अपने हिन्दू मित्र रामबली राजभर की मौत पर उनका हिंदू रीति रिवाज से पिंडदान करवाया। रामपुर के 70 वर्षीय रामबली राजभर की लंबी बीमारी से शुक्रवार की देर शाम मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने दाह संस्कार के लिए शव रवाना किया। गांव के बाहर पहुंचने पर मृतक रामबली के बड़े पुत्र राजेश राजभर ने प्रथम पिंडदान के लिए शव रूकवाया। इधर पिंडदान के लिए बुलाये गए कर्मकांडी ब्राह्मण का लोगों ने आधे घण्टे तक इंतजार किया। लेकिन जब इंतजार लंबा होने लगा तो लोगों ने बिना पिंडदान के शव यात्रा पुनः शुरू करने पर जोर दिया। इधर पुत्र की विवशता थी कि बिना पिंडदान किये शव को गंतव्य तक कैसे ले जाया जाए, वो भी पितृपक्ष में। ऐसे में शवयात्रा में शामिल और रामबली के मित्र रशीद खान ने आगे बढ़कर कहा कि मैं पिंडदान करवाना जानता हूं। यदि किसी को कोई एतराज न हो तो मैं पिंडदान करवा सकता हूं। जिसके बाद ग्रामीणों ने सहमति दी तो रशीद खान ने पूरे विधि विधान से व हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ सारे पिंडदान व कर्मकांड कराया। इधर पिंडदान जैसी कठिन व आमतौर पर सभी को न मालूम होने वाली प्रक्रिया को मुस्लिम धर्म के व्यक्ति द्वारा विधिवत कराता देख हर कोई हैरान रह गया। शवयात्रा में शामिल जिला पंचायत सदस्य कमलेश यादव ने कहा कि कर्मकांडी ब्राह्मण का समय पर न पहुंचना भी एक सामाजिक सौहार्द और हिन्दू मुस्लिम के बीच भाईचारे का कारण बन गया। ग्राम प्रधान अमित सिंह ने भी इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि गांव में सभी धर्मार् के धर्मगुरू एक साथ एकजुट होकर एक दूसरे के सुख दुःख में हमेशा सहयोग करते रहते हैं।



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