सिर्फ एक चम्मच साफ पानी और उसमें पनपा डेंगू ले सकता है आपकी जान, इस तरह से करें बचाव





गोरखपुर। एक चम्मच साफ पानी का ठहराव भी डेंगू का मच्छर पैदा कर सकता है। इसलिए बारिश में कूलर, गमले, घर में पड़े टायर, फ्रीज ट्रे, नाद और घर के आसपास जलजमाव न होने दें। अगर जल निकासी संभव नहीं है तो उस पानी में थोड़ा सा केरोसीन या उपयोग किया जा चुका कोई भी मोबिल ऑयल डाल दें। नहीं तो इसी पानी से जन्मे मच्छर कभी भी अपना विकराल रूप दिखा सकते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिह ने कहा है कि हालांकि इस साल डेंगू का कोई मामला नहीं आया है, फिर भी सतर्कता आवश्यक है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू के प्राथमिक जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर 50-50 की संख्या में एन1एस1 किट उपलब्ध हैं, जिनके जरिये डेंगू का पता लगाया जा सकता है। इन किट से जांच के बाद एलाइजा टेस्ट होता है और जब उसमें डेंगू कंफर्म हो जाता है तभी उसे पुष्ट मामला माना जाता है। जिले के सभी निजी चिकित्सालयों और पैथालॉजी को भी डेंगू का पुष्ट केस मिलने पर उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को करनी है। जिले में अभी तक ऐसा कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। इस बीमारी की रोकथाम में सामुदायिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर किसी को भी बुखार हो रहा है तो वह फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक को दिखाए। बुखार में लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि डेंगू में बुखार का चौथे से सातवां दिन ज्यादा खतरनाक होता है। यह बीमारी उन लोगों में जटिलताएं पैदा कर देती है जो अपने मन से दवा लेते हैं या फिर झोलाछाप चिकित्सक से इलाज करवाते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि डेंगू का मच्छर केवल साफ पानी में पनपता है। इसका वाहक एडीज मच्छर दिन के समय काटता है। पिछले साल सतर्कता बरते जाने के कारण डेंगू के सिर्फ छह मामले सामने आए। सुखद तथ्य यह रहा कि विगत दो वर्षों से डेंगू के कारण जिले में कोई मौत नहीं हुई है। सतर्कता का यही स्तर बना कर रखना है। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार में पहले दिन से लेकर पांच दिन तक सिर्फ एन1एस1 टेस्ट पॉजीटिव आता है, जबकि पांच दिनों के बाद एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव आता है। डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के पांच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डेंगू के सबसे खतरनाक लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है। इसी वजह से डेंगू बुखार को ’हड्डीतोड़ बुखार’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ितों को इतना अधिक दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हो। बताया कि तेज बुखार, त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, डायरिया आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।



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