सुनहरा भविष्य बनाने की उम्र में भगवद्गीता ले फांसी चढ़ गए महान क्रांतिकारी खुदीराम, उनसे सीखने की जरूरत है देशभक्ति - रविंद्र श्रीवास्तव
नंदगंज। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के देवकली स्थित सभागार में बुधवार को महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस के बलिदान दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके पूर्व खुदीराम बोस के चित्र पर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। कायस्थ महासभा के जिला उपाध्यक्ष विजय प्रकाश श्रीवास्तव ने खुदीराम बोस को क्रांतिवीर बताते हुए कहा कि वह महान देशभक्त थे। देशभक्ति उनके मन में कूट-कूट कर भरी थी। उनके हृदय में ब्रिटिश साम्राज्य को नेस्तनाबूद करके देश को आजाद कराने की ललक थी। उन्होंने 9वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और स्वदेशी आन्दोलन में कूद पड़े। देवकली ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जिस उम्र में नवयुवक अपना भविष्य बनाने हेतु संघर्षरत रहते हैं, उसी 18 वर्ष 8 माह की अल्पायु में खुदीराम बोस अपने हाथ में श्रीमद्भगवद्गीता लेकर हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़कर अमर हो गए। ऐसे देशभक्त व महान वीर क्रान्तकारी से हम सभी को देशभक्ति का पाठ पढ़ने की जरूरत है। इस मौके पर डॉ. संजय श्रीवास्तव, प्रभुनारायण लाल, ओपी श्रीवास्तव, योगेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, हेमन्त कुमार, प्रमोद श्रीवास्तव, वेदप्रकाश, गौरव श्रीवास्तव, सर्वेश आदि रहे। अध्यक्षता ब्लॉक संरक्षक मुकेश श्रीवास्तव व संचालन ब्लॉक महामंत्री त्रिलोकीनाथ श्रीवास्तव ने किया।