महिला व बाल विकास विभाग के योजनाओं की हुई समीक्षा, राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश



गोरखपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा मंगलवार को महिला एंव बाल विकास राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने की। इस दौरान समीक्षा बैठक में कई अहम फैसले भी लिये गये। राज्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन में अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित करने हेतु मिशन शक्ति के अंतर्गत अभियान चलाकर प्रत्येक 15 दिन में तहसील/ ब्लाक स्तर पर स्वावलंबन कैम्प लगाकर सभी पात्र लाभार्थियों के आवेदन पत्रों को पूर्ण कराया जाये। कहा कि मीडिया एंव अन्य माध्यमों से कैम्प लगाने के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाये तथा जनप्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जाये। इस दौरान मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा करते हुए सबसे कम प्रगति वाले 10 जनपदों को सचेत करते हुए प्रगति में सुधार हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में टॉप 10 जनपदों को कहा गया कि उनके लिये निर्धारित लक्ष्य कम है और अधिक प्रयास किये जाने आवश्यक हैं। साथ ही सबसे खराब प्रदर्शन वाले 10 जनपदों के अधिकारियों को आगामी 1 माह में प्रगति में सुधार हेतु निदेर्शित किया गया अन्यथा कड़ी कार्यवाही करन की बात कही। अधिकारियों ने बताया कि वन स्टाप सेंटर के भवन निर्माण का कार्य 52 जनपदों में प्रारम्भ हो गया है। जिस पर स्वाति सिंह द्वारा समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि समस्त जनपदों में वन स्टाप सेन्टर के भवन का निर्माण कार्य 3 माह में अनिवार्य रूप से पूर्ण करा दिया जाये। 13 जनपदों में अभी भी कार्मिकों का चयन न होने पर राज्यमंत्री ने 1 माह में चयन करने के निर्देश दिए। राज्यमंत्री द्वारा उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारियों को निदेर्शित किया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिये समाज के सभी वर्गो यथा-ग्रामप्रधान व अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित किया जाये। प्रत्येक माह जनपद में इस योजना के अर्न्तगत एक बड़ा आयोजन कराना सुनिश्चित किया जाये। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य में कोविड के अतिरिक्त प्रभावित समस्त परिवारों को जोड़ने पर चर्चा की गई तथा जन जन तक इस योजना को पहुंचाने हेतु अधिकारियो को निर्देश दिए गए। निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रस्तावित स्वावलंबन कैम्पों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना तथा बल सेवा योजना के आवेदन पत्र भी भरवाये व पूर्ण किये जायें। कहा समस्त जनपदीय अधिकारी सक्रिय हो जायें तथा बाल सेवा योजना की तरह अन्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी करें तथा दिये गये लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु समयबद्ध कार्ययोजना पर कार्य करें। प्रमुख सचिव, महिला एंव बाल विकास विभाग वी हेकाली झिमोमी द्वारा समीक्षा के दौरान उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त जिला प्रोबेषन अधिकारियों के साथ योजनाओं में जोड़े जाने वाले लाभार्थियों के संबंध में प्रतिदिन समीक्षा करें तथा अपने जनपद में सप्ताह में कम से कम 2 दिन संस्थाओं का निरीक्षण अवश्य करें। उन्होंनें कहा कि संस्थाओं के जीर्णोद्धार तथा रखरखाव हेतु निदेशालय द्वारा प्रति गृह 5 लाख की धनराशि प्रेषित की गई है, जिसका पूर्ण उपयोग करते हुए तत्काल संस्थाओं का सुदृढीकरण करायें तथा साज-सज्जा एंव सफाई आदि की विशेष व्यवस्था की जाये। बच्चों के खेलने व मनोंरंजन के प्रबंध तत्काल सुनिश्चित किये जायें। जोर दिया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के प्रचार प्रसार पर अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें जनप्रतिनिधियों यथा सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख आदि का सहयोग लिया जाये। प्रत्येक ग्राम सभा व ब्लॉक के स्तर पर योजना के प्रचार प्रसार तथा आवेदन प्राप्त करने के उद्देश्य से कैम्प लगाया जाये जिसके बारे में समस्त स्तरों पर जनप्रतिनिधियों व मीडिया के माध्यम से पहले ही भरपूर प्रचार प्रसार करते हुये आम जन मानस तक पहुंच बढ़ाई जाये। योजनाओं को लोकप्रिय बनाने हेतु प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना आवश्यक है। विभाग द्वारा 21 अगस्त तक कन्या सुमंगला में 2 लाख और निराश्रित महिला पेंशन में 1 लाख 75 हज़ार नए लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है। राज्यमंत्री ने कहा लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाए तथा उदासीनता दिखाने या लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।