कालाजार से जान बचाने को दूसरे चरण का होगा छिड़काव, छिड़कावकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण


गोरखपुर। जिले के पिपरौली ब्लॉक स्थित भौवापार गांव के करीब 2000 घरों में रहने वाली 10 हजार की आबादी को कालाजार की बीमारी से सुरक्षित किया जाएगा। इस कार्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और स्वयंसेवी संगठन पाथ भी तकनीकी सहयोग देंगे। इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह की मौजूदगी में छिड़कावकर्मियों को पिपरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर मंगलवार को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने बताया कि 35 दिनों तक गांव में अभियान के तौर पर कालाजार की जनक बलुई मक्खी निरोधक दवा का छिड़काव किया जाएगा। यह अभियान 20 अगस्त से प्रस्तावित है। वर्ष 2019 में इस गांव में कालाजार का प्रवासी मरीज सामने आया था, इसलिए एहतियातन यहां लगातार तीन वर्षों तक दवा का छिड़काव होगा। जिला मलेरिया अधिकारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के अलावा सीएचसी के लैब और मिनी पीकू का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सभी संबंधित लोगों को गुणवत्ता बनाए रखने का दिशा-निर्देश दिया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. निरंकेश्वर राय, डब्ल्यूएचओ कोआर्डिनेटर डॉ. सागर और पाथ के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. ज्ञान ने संबंधित लोगों को प्रशिक्षित किया। सभी प्रशिक्षुओं को बताया गया है कि शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मॉस्क एवं ग्ल्व्स लगा कर छिड़काव कार्य सम्पन्न करेंगे। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। ऐसे में सभी प्रशिक्षुओं को बताया गया है कि दवा का छिड़काव घर के अंदर तथा बाहर छह फीट तक कराना है। छिड़काव के बाद तीन माह तक छिड़काव स्थल पर पुताई नहीं होनी चाहिए। इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, चंद्र प्रकाश मिश्रा, मलेरिया विभाग से राहुल सिंह, प्रभात रंजन सिंह, बेसिक हेल्थ वर्कर हेमंत कुमार, सुजीत कुमार, सावित्री सिंह, आशा कार्यकर्ता मोना देवी, शांति देवी, सुमन देवी, उषा पांडेय आदि रहे।