मुख्यमंत्री के सीएचसी को चमकाएंगीं 24 टीमें, दोहरे राष्ट्रीय मानदंडों पर किया जाएगा तैयार





गोरखपुर। मुख्यमंत्री द्वारा जिले के जंगल कौड़िया और चरगांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को गोद लिये जाने के बाद उनकी सूरत बदलने की तैयारी तेज हो गयी है। दोनों सीएचसी को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) और इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने 24 सदस्यीय टीम का गठन करते हुए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इस टीम के लोग अपने-अपने कार्यक्रमों की स्थिति पर फोकस्ड तरीके से काम करेंगे। जिले में अभी तक सिर्फ डेरवा पीएचसी और बसंतपुर यूपीएचसी (अर्बन हेल्थ पोस्ट सर्विसेज) को एनक्वास का खिताब मिला है। सीएमओ ने एनक्वास और चरगांवा के नोडल अधिकारी डॉ. नंदकुमार, जंगल कौड़िया के क्षेत्रीय नोडल अधिकारी डॉ. एके चौधरी और जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान और उनकी टीम को सभी मानकों को यथाशीघ्र पूरा कराने का दिशा-निर्देश दिया है। इन लोगों की टीम ने दोनों सीएचसी पर कैंप करना शुरू कर दिया है। टीम का गठन करते हुए सीएमओ ने सभी को दिशा-निर्देशित किया है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों और चिकित्सालय का सुदृढ़ीकरण कर उन्हें यथाशीघ्र सूचना दी जाए। टीम का कार्य सुचारू ढंग से चल सके इसके लिए एसीएमओ डॉ. एके चौधरी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट, एसीएमओ डॉ. नंद कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय, एसीएमओ डॉ. सीमा राय, डॉ. एएन प्रसाद, डॉ. गणेश यादव और डॉ. एसएन त्रिपाठी को विभिन्न प्रोग्राम के नोडल के तौर पर योगदान देने के लिए दिशा-निर्देशित किया गया है। सीएमओ ने बताया कि दोनों सीएचसी पर वेक्टर वार्न डिजिज, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय एल्डरी हेल्थ कार्यक्रम, इंटीग्रेटेड डिजीज कंट्रोल कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, आयोडिन डिफिसिन्सी कार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना और लक्ष्य जैसे कार्यक्रमों को गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा और इनका सुदृढ़ीकरण होगा। बताया कि एनक्वास और आईपीएचएस का मूल्यांकन 1500 बिंदुओं के चेकलिस्ट पर होता है। इनपुट और प्रॉसेस के दृष्टीकोण से सीएचसी में और सुधार होगा तो लोग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। सीएचसी को कोविड जैसी महामारी का सामना करने में सक्षम भी बनाया जाएगा।



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