तो क्या पूर्व में ही लिख दी गई थी सिधौना कांड की पटकथा? किसी की राजनैतिक महत्वाकांक्षा में बलि का बकरा बना ये बड़ा नेता, घटना की आ रही ऐसी तस्वीर


खानपुर। क्षेत्र के सिधौना में शुक्रवार को जवान की मौत के बाद सम्मान व अपमान के नाम पर जिस तरह से जातीय बवाल किया गया, उसमें तस्वीरें पूर्व नियोजित कार्यक्रम की आ रही हैं। इस मामले में ऐसी बातें सामने आ रही हैं, जिनसे प्रतीत हो रहा है कि सिधौना में राजमार्ग को 6 घंटे तक बंधक बनाकर बवाल करने की ये घटना अप्रत्याशित नहीं थी, बल्कि घटना के पूर्व ही राजनैतिक उद्देश्यों से इसकी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। पूरे मामले में ये भी सामने आ रहा है घटना में नामजद एक बड़े नेता को बलि का बकरा बना दिया गया है। शुक्रवार को हुई घटना में जवान की मौत के बाद कुछ ही देर में सिधौना बाजार में हजारों की संख्या में बाहरी युवक पहुंच चुके थे। उनमें से कई युवक ऐसे थे जिनका न तो सादात के वृंदावन से कुछ लेना देना था और न ही सिधौना से। शुक्रवार को वहां बवाल कर रहे एक युवक ने एक बड़े अधिकारी को भी अपशब्द बोल दिया। जिसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने बातचीत के दौरान उससे पूछा तो पहले उसने खुद को जनता की तरफ से कहा, इसके बाद अपना नाम भी नहीं बताया और काफी कुरेदने पर बताया कि वो भीमापार का निवासी है। इसके अलावा पुलिस द्वारा नामजद लोगों में भी कुछ लोग शादियाबाद के टोडरपुर के हैं तो कुछ बहरियाबाद व अन्य स्थानों के हैं। इस दौरान एक नामजद नेता ने भी अपना भड़काउ वीडियो बयान जारी किया, जिसमें मौजूद लोगों को ये कहकर भड़काया जा रहा था कि भाजपा सरकार शहीदों की लाशों पर राजनीति करती है। इस सरकार में अगर यादव जाति का जवान मरे तो उसका अपमान किया जाता है। कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस घटना की कहानी पहले ही तैयार की गई थी। इसके लिए पहले से ही जानबूझकर आसपास समेत दूर दराज के ऐसे युवकों को टारगेट किया गया जो सेना की तैयारी कर रहे थे। उनकी ये सोच थी कि ऐसे युवा जवान की मौत के अपमान की बात सुनकर ही आसानी से भावनात्मक रूप से तैश में आ जाएं और गुस्से में मौके पर पहुंच जाएं। इसके बाद वहां बवाल शुरू कर दिया जाए, और कुछ ऐसा ही हुआ। गाजीपुर की सीमा में शव के आने के बाद सुबह 6 बजे ही सिधौना पहुंचना आसान नहीं था, इसके बावजूद काफी दूरदराज से हजारों की संख्या में युवक पहुंचते गए और धीरे-धीरे बवाल हद से ज्यादा बढ़ता गया। अब इस मामले में कुछ का ये कहना है कि कुछ लोगों द्वारा इसे राजनैतिक रंग देने के लिए शव आने के बाद वाराणसी में बवाल करने की योजना थी लेकिन बाद में इसे गाजीपुर की सीमा में करने की योजना बनाई गई। इसके बाद जैसे ही शव सीमा जिले में आया, वहां हजारों की संख्या में लोग जुटने शुरू हो गए और इसे जातीय रंग देकर भड़काना शुरू कर दिया। वहीं के एक निवासी ने बताया कि इस मामले में सपा के एक वरिष्ठ नेता नाहक ही फंस गए। उन्हें बिना बताए कुछ अराजक तत्वों ने अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने में उनसे वहां शव रूकवाकर उन्हें बलि का बकरा बना दिया। बहरहाल, इस मामले में पुलिस पूरी तहकीकात कर रही है और इसका खुलासा होने पर बेहद चौंकाने वाली बातों के सामने आने की उम्मीद है।