अमेरिका से आई खबर : अब सिर्फ अपने अंगूठे से पता करें कि कहीं आपको भी तो नहीं है दिल की ये गंभीर बीमारी


गाजीपुर। अब आप अपने अंगूठे के आसान से टेस्ट से आप पता लगा सकते हैं कि आपको दिल से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का कहना है कि ये टेस्ट बेहद कारगर है और समय पर सही जानकारी प्रदान करने में मदद करता है। इस टेस्ट के जरिए आप पता लगा सकते हैं कि कहीं आपको छिपी हुई एओर्टिक एन्यूरिज्म यानी महाधमनी धमनीविस्फार की समस्या तो नहीं है। इस स्थिति में धमनी की दीवारें धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। एक रिपोर्ट में डॉक्टरों के हवाले से बताया गया है कि महाधमनी हमारे शरीर की सबसे बड़ी रक्त वाहिका होती है। यही हमारे दिल से रक्त लेकर शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचाती है। कुछ स्थितियों के कारण महाधमनी की दीवारों में गुब्बारे जैसी सूजन आ जाती है, जिससे धमनी की दीवारें कमजोर पड़ने लगती हैं, जो बेहद खतरनाक है। हालांकि, यदि जल्द इसका पता लग जाए तो खतरे को कम किया जा सकता है। बताया कि एओर्टिक एन्यूरिज्म का आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होता और इसका केवल स्क्रीनिंग के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। जब तक व्यक्ति को इसका आभास होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। सूजन पूरी तरह फूले गुब्बारे जितनी बड़ी हो जाती है। इस स्थिति में आंतरिक रक्तस्राव और संभवतः मृत्यु हो सकती है। इस गुब्बारे के फटने के मामलों में 10 में से 8 लोगों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, अंगूठे से टेस्ट करना बेहद आसान है। इसके लिए सबसे पहले अपना हाथ उठाकर हथेली को फैलाएं। इसके बाद अंगूठे को छोटी उंगली की तरफ हथेली के दूसरे किनारे तक ले जाने का प्रयास करें। यदि अंगूठा हथेली से पार निकल जाता है, तो इसका मतलब है कि आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह से अंगूठे को हिलाने में सक्षम होना एक अप्रत्यक्ष संकेत है कि संबंधित व्यक्ति के जोड़ ढीले हैं। इसके साथ ही ये पूरे शरीर में संयोजी ऊतक रोग का भी संकेत है, जिसमें महाधमनी भी शामिल है। शोधकर्ताओं ने 305 लोगों पर ये थंब टेस्ट किया और अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए। शोध के वरिष्ठ लेखक डॉ. जॉन ए एलेफ्टरेड्स ने बताया कि रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि जो लोग अपने अंगूठे को फ्लैट पाम से आगे तक ले जाने में सक्षम थे, उनमें एओर्टिक एन्यूरिज्म का खतरा था। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये जरूरी नहीं है कि इस तरह के लोगों में सूजन फटने की स्थिति में पहुंच गई हो। आमतौर पर इस अवस्था तक पहुंचने में कई साल लगते हैं।