कोरोना का बच्चों पर असर देख जारी हुई गाइडलाइन, अब ऐसे बच्चों को ये खास दवाएं देने पर रोक


गाजीपुर। आने वाले दिनों में कोविड-19 का असर बच्चों पर होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर से गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब सिर्फ कोरोना से ग्रसित गंभीर बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किया जा सकता है। गाइडलाइन के मुताबिक जिन बच्चों का ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरता है, उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। बच्चों को एस्टेरॉयड भी देने की मनाही की गई है। सिर्फ गंभीर रूप से बीमार बच्चों को जरूरत पड़ने पर यह दवा देने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमेडिसिविर, आइवरमेक्टिन, फैवी पिराविर जैसी दवाओं को भी बच्चों को देने से मना किया गया है। सीएमओ डॉ जीसी मौर्य ने बताया कि जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से कम हो, उन्हें गंभीर निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, सैप्टिक शॉक, मल्टी आर्गन डिस्फंक्शन सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को फौरन किसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए और जरूरत पड़े तो आईसीयू में शिफ्ट किया जाए। इन बच्चों को ऐस्टेरॉयड दिए जा सकते हैं। गाइडलाइन के अनुसार कुछ बच्चे बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी व दस्त की समस्या के आ सकते हैं, उनका भी कोरोना मरीज के तौर पर इलाज किया जाना चाहिए। उनका टेस्ट कराने पर पुष्ट हो जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लैमटोरी सिन्ड्रोम भी हो सकता है जिसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है। गाइनलाइन में साफ कहा गया है कि सिर्फ कोरोना ग्रसित गंभीर बच्चों को भर्ती कराने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज में घर में रहकर ही किया जा सकता है। बस उनकी नियमित मॉनीटरिंग होती रहेगी। कहा गया है कि ज्यादातर बच्चे लक्षण विहीन हो सकते हैं, इसलिए उनका इलाज सावधानी से करने की जरूरत है।