कोरोना काल में मृतकों के परिजनों को मिले मुआवजा, बेरोजगारों को 5000 रूपया पेंशन - नंदकिशोर





खानपुर। अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सोमवार को क्षेत्र के कई गांवों में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा खानपुर, माहपुर, कोटे, महाबलपुर करंडा, मैनपुर, चकरस्तही, तुलसी सागर, लंका स्थित कार्यालय आदि स्थानों पर प्रदर्शन किया गया। महासभा के जिलाध्यक्ष नंदकिशोर बिंद ने कहा कि इस महामारी के बावजूद मोदी-योगी सरकार ने इससे निपटने के इंतजाम की बजाय चुनाव जीतकर सरकार बनाने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया। कहा कि अगर सरकार ने अस्पताल और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया होता तो आज इतनी लाखों लोगों की ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवा के अभाव में असमय मौत नहीं हुई होती। कहा कि इस महामारी ने 1957-60 के दौर में आई हैजा, प्लेग जैसी महामारी की याद को ताजा कर दिया है। योगी-मोदी सरकार की ये गतिविधि आपराधिक लापरवाही है। उनके चलते लाखों लोगों की बेमौत मरना पड़ा है। कहा कि 1140 किमी लम्बी गंगा में पूरे प्रदेश में करीब 2 हजार शव उतराए मिले हैं। मांग करते हुए कहा कि इस दौर में जितनी भी मौतें हुई हैं, सभी को कोरोना से हुई मौत मानकर उन्हें मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी की मार झेल रहे सभी को 5000 रूपया पेंशन, हर व्यक्ति की मुफ्त जांच व चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था, हर गरीब को प्रति यूनिट 35 किलो राशन व सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा समेत जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की। इस मौके पर माले के जिला सचिव रामप्यारे राम, रामनरेश, आजाद यादव, योगेन्द्र भारती, कन्हैया बिंद, मूलचंद प्रजापति, शिवकुमार कुशवाहा, खानपुर प्रधान अमेरिका बिंद, गैबीपुर प्रधान किशन मौर्य, करंडा प्रधान राजेश वनवासी, सत्येन्द्र कुमार, चंद्रावती देवी, मंजू गोंड, विजयी वनवासी आदि रहे।



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