शाम को चराकर बगीचे में किया बंद और सुबह मरी मिलीं 217 भेड़ें, अज्ञात बीमारी की आशंका से ग्रामीण हलकान, चिकित्सक ने किया शंका समाधान





जमानियां। थानाक्षेत्र के मलसा गांव में शुक्रवार की सुबह एक बगीचे में बंद 217 भेड़ों की एक साथ संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। संदिग्ध हाल में 217 भेड़ों के एक साथ मरने की बात जंगल में आग की तरह गांव में फैल गई और गांव में हड़कंप मच गया। सभी किसी नई बीमारी के आने या कोरोना संक्रमण की बात सोचकर घबरा उठे। मलसा गांव निवासी राघव शरण भेड़ पालन कर परिवार का भरण पोषण करता है। वो गुरूवार की देरशाम को अपनी 219 भेड़ों को चराकर वापस अपने घर के पास स्थित बगीचे में बंद कर घर चला गया। उसने बताया कि भेड़ों को रोजाना वहीं बंद किया जाता था। अगले दिन जब सुबह वो पुनः उन्हें चराने के लिए बगीचे में पहुंचा तो सभी भेड़ें मरी पड़ी थी। ये देख उसके होश उड़ गए। पहले उसे लगा कि भेड़ें बेहोश हैं लेकिन जब उनके मरने की बात पता चली तो वो बिलखने लगा। उसकी चीख पुकार सुनकर वहां भीड़ लग गई। इधर देखते ही देखते ही बात पूरे गांव में फैल गई। सभी किसी संदिग्ध बीमारी से मरने की बात कर रहे थे और डर भी रहे थे। इधर एक साथ इतनी बड़ी संख्या में भेड़ों के मरने की बात सुनकर प्रशासन भी हलकान हो गया। पशु चिकित्साधिकारी राघवेंद्र प्रसाद तत्काल मौके पर पहुंचे और जांच किया तो उनमें से दो भेड़ों की सांस चल रही थी, जिसके बाद उन्हें उपचार को भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद बताया कि भेड़ों की मौत फूड प्वॉयजनिंग की वजह से हुई थी। संभवतः चरने के दौरान उन्होंने कोई जहरीला वनस्पति खा लिया हो। सभी भेड़ों को गड्ढा खोदकर दफना दिया गया है।



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