गोदाम से ऑक्सीजन सिलिंडर की निकासी पर प्रतिबंध के बाद एडीएम कार्यालय पहुंचे लोग, प्रशासन व निजी अस्पतालों की मिलीभगत का लगाया आरोप
मऊ। गोदाम से ऑक्सीजन सिलेंडर निकासी पर प्रतिबंध लगने से दर्जनों लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए एडीएम कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाए लेकिन एडीएम केहरी सिंह ने फैक्ट्री गोदाम से ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने से इंकार कर दिया और कहा कि जिन्हें उपचार कराना है वह अस्पतालों में जाएं। तीमारदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी निजी अस्पताल कोरोना पॉजिटिव मरीज की भर्ती नहीं ले रहा है, जबकि कागजों पर कोरोना मरीज की भर्ती की प्रक्रिया निजी अस्पतालों द्वारा अपनाई जा रही है। आरोप लगाया कि एक निजी अस्पताल में सिर्फ दो कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं और उसे करीब 125 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति बढुआ गोदाम स्थित औद्योगिक क्षेत्र से एडीएम के आदेश से गई है जो समझ से परे है। इसके लिए आजमगढ़ स्थित पीजीआई के ऑक्सीजन सिलेंडर में कटौती की गई है। आरोप है कि बढुआ गोदाम स्थित फैक्ट्री के मालिक और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लायर्स द्वारा आक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी की जा रही है। ऑक्सीजन की जरूरत कोविड-19 के मरीजों के अलावा ठीक से सांस नहीं ले पा रहे फेफड़ों के रोगियों को है। ऐसे मरीजों को निजी अस्पताल संचालक भर्ती कर मोटी कमाई कर रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यक्तिगत आपूर्ति के लिए नगर पालिका अध्यक्ष तैय्यब पालकी ने भी जिलाधिकारी से मुलाकात कर आम जनता को देने की अपील की लेकिन जिला प्रशासन ने अस्पतालों को छोड़ आम जनता को ऑक्सीजन सिलेंडर देने से इंकार कर दिया। नूरजहां पत्नी इरशाद अहमद घासीपुरा और नकीब अहमद पुत्र हबीब क्यारे टोला सहित दर्जनों लोग ऑक्सीजन की चाहत में अपर जिला अधिकारी केहरी सिंह के यहां उपस्थित हुए थे लेकिन एडीएम ने कोविड-19 अस्पतालों में जाकर इलाज कराने की बात कही। जिस पर तीमारदारों ने कहा कि निजी अस्पताल महंगे पड़ रहे हैं, जिसका खर्चा मरीज के परिजन उठाने में सक्षम नहीं हैं। इतना ही नहीं, सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 की जांच भी सुचारू रूप से नहीं की जा रही है। इस पर एडीएम ने 24 घंटे कोविड-19 जांच केंद्र खोले जाने का सीएमएस को निर्देश दिया और कहा कि कोविड-पॉजिटिव होने पर ही अस्पतालों में भर्ती लिया जाएगा साथ ही जो कोरोना नेगेटिव हैं और उन्हें ऑक्सीजन चाहिए तो निजी अस्पताल में भर्ती हो जाए वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं है। इस बाबत एडीएम ने कहा कि जनपद में 22 लाख आबादी है प्रत्येक व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति नहीं की जा सकती। यदि गोदाम पर व्यक्तिगत सिलेंडर आपूर्ति का प्रतिबंध नहीं लगाया गया होता तो अब तक लाखों की भीड़ गोदाम पर जमा होती, जिसे नियंत्रित कर पाना संभव नहीं था इसलिए ऑक्सीजन फैक्ट्री से आम जनता को ऑक्सीजन सिलेंडर देने से प्रतिबंधित किया गया है।