जयंती पर दंडी स्वामी की पूजा करने गांव पहुंचे स्वामी अनंतानंद व अनुयायी, कहा - ‘किसी तीर्थ से कम नहीं है ये गांव’



दुल्लहपुर। दण्डी स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती पर उनके पैतृक गांव देवां में गुरूवार को वाराणसी राजगुरु मठ के मठाधीश दण्डी स्वामी अनन्तानन्द महाराज अपने अनुयायियों के साथ पहुँचे। सबसे पहले उन्होंने स्वामी सहजानन्द सरस्वती की प्रतिमा पर विधि विधान से जलाभिषेक कर व पूजन अर्चन करके वस्त्र धारण कराया। इसके पश्चात जयघोष कराया। कहा कि हम धन्य हैं जो हमें सहजानन्द सरस्वती जैसे महापुरुष मिले। कहा कि अगर कोई भी मानव इनके बताए मार्ग अपनाता है तो वो राजगुरु कहलाने का हकदार होगा। कहा कि स्वामी जी ने अंग्रेजी हुकूमतों को नेस्तनाबूद करने और किसानों को खुशहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कहा कि वाराणसी के बेहद नजदीक सहजानन्द का ये पैतृक गांव हम सभी के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है। इसके बाद दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन के बाहर स्थापित सहजानन्द सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस मौके पर वाराणसी के आचार्य गोविन्द, वीरभद्र सिंह राय, संजय राय, पारस राय, आशीष राय, रविन्द्र राय, बैजनाथ राम, श्रीनिवास राय, शारदा नन्द राय, शमशाद अंसारी, बोधा जायसवाल, ओमप्रकाश चौरसिया, विनोद राजभर आदि रहे।