शिक्षा विभाग कार्यालय को शिक्षकों ने बताया भ्रष्टाचार का अड्डा, डीएम से मिलकर शिक्षकों ने की शिकायत
गाजीपुर। माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के तत्वावधान में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से मुलाकात कर शिक्षा विभाग के कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की गुहार लगाई। प्रतिनिधिमंडल में शामिल पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशान कर धन उगाही की जाती है और इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिस पर जिलाधिकारी ने संगठन की सुनी और जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अध्यापकों व कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक से लेने का आदेश निर्गत किया गया है। लेकिन उक्त आदेश पर कोरोना महामारी के चलते वैक्सीन लगने तक रोक लगा दी जाए। क्योंकि विभिन्न स्थानों से चलकर आए शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच बायोमेट्रिक लगने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और विसंगतियां उत्पन्न हो सकती है। बताया कि वाराणसी मंडल के अधिकतर जिलों में बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लग रही है। इसके अलावा आरोप लगाया कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अधिकारियों की सहमति से शिक्षकों, कर्मचारियों के समस्याओं का निस्तारण में विलम्ब करके धन उगाही की जा रही है। जिससे शिक्षक त्रस्त और क्षुब्ध है। साथ ही अधिकारियों के सह पर प्रबंधकों द्वारा प्रधानाचार्यों को दबाव में लेकर शिक्षकों व कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है और भारी धनराशि लेकर गलत तरीके से मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण महावीर इंटर कॉलेज मलिकपुरा के शिक्षक शिवकुमार सिंह और नेशनल इंटर कॉलेज मच्छटी के प्रवक्ता कमरुद्दीन है। डीआईओएस का व्यवहार एवं आचरण प्रधानाचार्य व शिक्षकों के साथ अमर्यादित है। शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह आंदोलन को विवश होंगे। इस मौके पर चौधरी दिनेश चंद्र राय, जिलाध्यक्ष नारायण उपाध्याय, राणा प्रताप सिंह, सौरभ पाण्डेय, अमित कुमार राय, डॉ. रेयाज अहमद, रत्नेश कुमार राय, शैलेन्द्र कुमार यादव आदि शामिल रहे।