बिहार में जीत के बाद अब यूपी में जमीन तलाश रहे ओवैसी, ओमप्रकाश की सुभासपा व ओवैसी के एमआईएम के बीच गठबंधन की तस्वीर साफ





लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में 5 विधायकों की जीत के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के हौसले बुलंद हैं। अब पार्टी ने अपनी निगाहें 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर गड़ा दी हैं। सियासी जमीन और गठबंधन की तलाश में असदुद्दीन ओवैसी बुधवार को लखनऊ पहुंचे और ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की। ओमप्रकाश राजभर के बाद उन्होंने पीस पार्टी के नेता अब्दुल मन्नान से भी मुलाकात की। अब्दुल मन्नान ने पीस पार्टी छोड़कर ओवैसी की पार्टी ज्वाइन किया है। मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि राजनीति में जब दो लोग एक साथ मुलाकात करते हैं तो इसका मतलब आप समझते ही हैं। उन्होंने कहा कि हम ओमप्रकाश राजभर के साथ हैं। उत्तर प्रदेश में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चीफ शिवपाल सिंह यादव से भी मुलाकात की चर्चाओं पर सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि शिवपाल राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं, उनसे भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की कामयाबी में राजभर का बड़ा योगदान रहा है और यही वजह है कि हमें कामयाबी मिली। ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल की सीएम को एक सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि वह बिहार के लोगों की तौहीन न करें और यह भी देखें कि उनकी पार्टी के लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि हैदराबाद में कहावत है गरीब की जोरू सबकी भाभी होती है। उन्होंने कहा कि हम बिहार में 20 सीट पर लड़े और जीते। बाकी सीटों पर वोट जोड़ दिया जाए तो बीजेपी को ज्यादा वोट पड़े। हमारी पार्टी ने कोई वोट नहीं काटा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनाव में प्रचार के दौरान हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की बात कही थी। इस पर ओवैसी ने कहा हम उत्तर प्रदेश में किसी भी चीज का नाम नहीं बदलेंगे। ओवैसी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ और अमित शाह जिस वार्ड में भी प्रचार करने गए वहां पर बीजेपी हारी है।



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