रेड जोन में यूपी बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन से शिक्षकों व उनके परिजनों को बढ़ा खतरा, शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध





गाजीपुर। रेड जोन में होने के बावजूद कई जिलों में यूपी बोर्ड के परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। जिससे शिक्षक व उनके पूरे परिवार को खतरा पैदा हो गया है। शिक्षक साथियों के समर्थन में शनिवार को माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई के पदाधिकारियों ने राजकीय बालिका इंटर कालेज महुआबाग में काली पट्टी बांध विरोध जताया। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चौधरी दिनेश चंद्र राय ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समाप्त किए गए 6 भत्तों व सामूहिक बीमा को समाप्त करने पर शिक्षक संघ चुपचाप नहीं बैठेगा। कहा कि रेड जोन में होने के बावजूद वाराणसी, मेरठ समेत अन्य जिलों में यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। ऐसे में उनके परिजन भी रेड जोन में आ गए हैं। जिलाध्यक्ष नारायण उपाध्याय ने कहा कि कई जनपदों से यह सूचना भी मिल रही है कि विपरीत एवं विषम परिस्थितियां होने के बावजूद शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्रों पर जाकर मूल्यांकन कार्य करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। यही नहीं, कुछ जिलों से यह भी सूचनाएं मिल रही हैं कि जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य व प्रबंधकों के माध्यम से अपनी ओर से शिक्षकों को वेतन कटौती तथा सेवा समिति द्वारा दंडित करने की धमकियां भी लिखित रूप में दे रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार की शक्तियों के विभिन्न प्रकार से प्रयोग द्वारा शिक्षकों को उनकी इच्छाओं के विपरीत विषम परिस्थितियों में मूल्यांकन केंद्रों पर उपस्थित दर्ज कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जिससे मूल्यांकन केंद्रों पर जाने वाले शिक्षकों व उनके परिवार में भय का माहौल है। पूर्व जिलाध्यक्ष सौरभ पाण्डेय, रविन्द्र तिवारी, सेराज, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।



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