डी.एल.डब्ल्यू. की सुविख्यात रामलीला का मंचन आज से



अपने साज-सज्जा, भव्य दृश्यांकन और जीवन्त प्रस्तुति के लिये पूरे भारत में प्रसिध्द डी.एल.डब्ल्यू की ऐतिहासिक रामलीला का प्रथम मंचन आज रविवार शाम सात बजे से होगा।



बारह दिनों तक चलने वाली एशिया प्रसिद्ध यह रामलीला विजयादशमी के अगले दिन श्री राम राजगद्दी तक चलेगी। डीरेका रामलीला समिति के संचालक एस.डी. सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार कि इस वर्ष 18 अक्टूबर दशहरा के दिन केन्द्रीय खेल मैदान पर रामचरित मानस पर आधारित रूपक 58 छात्र और 23 छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण देने का कार्य स्वयं एस.डी. सिंह कर रहे हैं। इस रूपक की सबसे बडी विशेषता नाट्य-प्रस्तुति में मोनोएक्टिंग विधा का प्रयोग है। जिसका अर्थ मूक अभिनय होता है। पूरे भारत वर्ष में यहाँ के अतिरिक्त अन्य कहीं भी मोनोएक्टिंग रामलीला नहीं होती। मात्र ढाई घंटे में राम वन-गमन से रावण-वध तक की लीला प्रस्तुत की जाती है। इस लीला में पात्र आपस में कोई संवाद नहीं करेंगे। उनकी जगह लीला स्थल पर निर्मित मंच से व्यास नागेंद्र सिंह पप्पू रामचरित मानस की चौपाई, दोहा, सोरठा, छंद आदि की संगीतमय प्रस्तुति देंगे। इस दौरान उत्तर भारतीय लोक संगीत की लगभग सभी विधाओं के गीत जैसे चैता, कजरी, निर्गुण, पूर्वी, कहरवा, बेलवैया आदि को समाहित कर कुल 15 गीत प्रस्तुत किए जाएंगे। यहाँ की रामलीला की एक अन्य विशेषता यह है कि रामायण के चरित्र प्रस्तुत करने वाली सभी महिला पात्र महिला ही होती हैं जबकि पुरुष पात्रों का अभिनय पुरुष करते हैं। 1978 से शुरू रावण दहन कार्यक्रम में प्रति वर्ष जलने वाले रावण, कुंभकरण व मेघानद के पुतलों को मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं। इसके अतिरिक्त रामलीला के मंचन में भी मुस्लिम प्रतिभागियों की संख्या उल्लेखनीय होती है। यहाँ लगने वाला विजयादशमी का मेला एशिया प्रसिध्द है। मेले में आये दूर-दूर से लाखों लोगों की भीड़ के समक्ष रावण के पुतले का दहन और आकर्षक आतिशबाजी रामलीला की भव्यता को और भी शानदार बना देता है। पुतला दहन के लिए रावण का 75 फिट, कुम्भकर्ण का 70 फिट और मेघनाद का 65 फिट ऊँचा पुतला बनवाया जाता है। इन तीनों पुतलों के निर्माण में लगभग 200 बांस, 8 बल्ली, 200 साड़ी, एक क्विंटल मैदा, 100 किलो तांत और 50 किलो रस्सी का प्रयोग किया जाता है विजया दशमी को आयोजित रावण दहन व रूपक के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। रामलीला मैदान क्षेत्र में टिफिन बॉक्स, पानी की बोतल, बैग आदि ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।



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