गाजीपुर : ‘तुम मर जाते तो तुम्हारी नौकरी मुझे मिल जाती’, ऐसा कह दिव्यांग पति को आत्महत्या के लिए उकसाने वाली कलयुगी पत्नी व सास गिरफ्तार





गाजीपुर। बीते दिनों जिले में भी अतुल सुभाष की तरह सामने आए आत्महत्या के मामले ने हर किसी को न सिर्फ झकझोर कर रख दिया है, बल्कि एक बार फिर से पूरे देश व समाज के सामने दहेज व प्रताड़ना के कानून के बेतहाशा व खतरनाक दुरूपयोग को लेकर एक सवाल भी छोड़ दिया है। पुलिस ने आत्महत्या के इस मामले में कार्रवाई करते हुए शिक्षक की मौत की आरोपी उसकी पत्नी व उसकी सास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बीते दो दिनों पूर्व अंधऊ हवाई पट्टी के पास जामुन के पेड़ पर एक दिव्यांग शिक्षक की लाश मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने तफ्तीश की तो उसकी शिनाख्त सीतापुर जिले के डीहपुरवा निवासी कोविद कुमार 42 पुत्र चंद्रिका प्रसाद के रूप में हुई है। वो सरकारी शिक्षक था। उसके पास से सुसाइड नोट व एक सुसाइड वीडियो मिला। जिसमें उसने अपनी पत्नी लक्ष्मी कुशवाहा व सास राजमति रानी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। उसने विस्तृत रूप से बताया था कि शादी के बाद से ही उसकी पत्नी अपनी मां के शह पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी। उसने बताया था कि वो मेरा पूरा वेतन अपने व अपनी मां पर मात्र 10 से 15 दिनों में खर्च कर देती थी। यहां तक कि उसका मोबाइल भी छीन लिया था और गूगल पे से जमकर खरीददारी करती थी। विरोध करने पर कहती थी कि तुम्हें जेल में सड़वाएंगे। इसके बाद उसने कोर्ट में गवाही देने के एवज में 25 लाख रूपए भी मांगा था। न दे पाने पर उसकी पत्नी लक्ष्मी ने कोविद को यहां तक कह दिया कि वो मर क्यों नहीं जाता। अगर वो मर जाता तो उसकी नौकरी उसे यानी उसकी पत्नी लक्ष्मी को मिल जाती। लक्ष्मी ने अपने कानूनी अधिकार का दुरूपयोग करते हुए कोविद पर मुकदमा किया था। जिसके चलते दिव्यांग कोविद को हर तारीख पर यहां आना पड़ता था। उसने आत्महत्या के पूर्व इस बात का भी जिक्र करते हुए कहा कि उसे महीने में 3 से 4 बार नौकरी छोड़कर 500 किलोमीटर दूर गाजीपुर आना पड़ता है। उसने कहा कि उसे उसकी पत्नी व सास ने मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उसे आत्महत्या करनी पड़ रही है। इसके बाद उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। वहीं उसके परिजनों ने बताया कि परिवार चलाने के लिए जानबूझकर उन्होंने गरीब परिवार से आने वाली लक्ष्मी से ये सोचकर एक रिश्तेदार के माध्यम से कोविद की शादी कराई थी कि वो परिवार को संभाल लेगी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वो अपने पति को ही खा जाएगी और पूरे परिवार को तहस-नहस कर देगी। वहीं मृतक के नोट व सुसाइड वीडियो के आधार पर व परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद कलयुगी पत्नी लक्ष्मी व उसकी मां राजमति रानी निवासिनी कांशीराम गरीब शहरी आवास, आदर्श बाजार को जिले के लॉर्ड कार्नवालिस मकबरे के पास से तब गिरफ्तार कर लिया, जब वो फरार होने की तैयारी में थी। जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। टीम में कोतवाल दीनदयाल पाण्डेय सहित एसआई शिवमणि त्रिपाठी, लक्ष्मण यादव, कांस्टेबल चंदना तिवारी, ज्योति साहू, माधुरी वर्मा आदि रहे।



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